बिहार में शराबबंदी कानून को बदलने की क्‍या है तैयारी, पहली बार सरकार की ओर से दी गई जानकारी

Bihar Liquor Ban बिहार में जहरीली शराब से लगातार हो रही मौतों पर सियासत गर्म है। कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा और हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा जैसे दल भी शराबबंदी की खामियां गिनाने लगे हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 08:35 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 08:35 AM (IST)
बिहार में शराबबंदी कानून को बदलने की क्‍या है तैयारी, पहली बार सरकार की ओर से दी गई जानकारी
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्‍यमंत्री तार किशोर प्रसाद। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Liquor Ban: बिहार में जहरीली शराब से लगातार हो रही मौतों पर सियासत गर्म है। सरकार में शामिल दल भी शराबबंदी कानून में बदलाव की मांग उठाने लगे हैं। कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा और हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा जैसे दल भी शराबबंदी की खामियां गिनाने लगे हैं। इस बीच चर्चा तेज हुई कि सरकार शराबबंदी कानून में बदलाव करने जा रही है। आधिकारिक सूत्र ऐसी तैयारी की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन  शराबबंदी कानून में संशोधन संबंधी प्रस्ताव की चर्चा के बीच उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस तरह के किसी भी प्रस्ताव से इन्कार किया है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि शराबबंदी को किसी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा।

बोले- शराबबंदी कानून पर एनडीए पूरी तरह एकजुट

उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन का कोई भी प्रस्ताव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से नहीं है। इस मामले पर पूरा एनडीए एकजुट है। उप मुख्यमंत्री का यह बयान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के उस बयान के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने शराबबंदी कानून की समीक्षा किए जाने की बात कही थी। पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी द्वारा शराबबंदी कानून की समीक्षा संबंधी मांग पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह हमारे अभिभावक की तरह हैं। उनकी पार्टी एनडीए का प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने जो कुछ कहा है, वह उनका सुझाव है।

हिम्मत है तो राजद खत्म करने की घोषणा करे : सुशील मोदी

इधर, भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने मंगलवार को जारी बयान में राजद और कांग्रेस को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि पूर्ण मद्यनिषेध कानून को बिहार की आम जनता, विशेष कर महिलाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त है। राजद और कांग्रेस में हिम्मत है, तो वे घोषणा करें कि उनकी सरकार गलती से भी बन गई, तो वे शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे ।

शराबबंदी को बेहतर बनाने के उपाय खोजेंगे

सुशील मोदी ने कहा भाजपा शासित गुजरात और बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू है, इसलिए जब हम यहां इस कानून की समीक्षा की बात करते हैं, तब इसका अर्थ कानून को समाप्त करना नहीं है। हमारा मत है कि शराबबंदी कानून को बेहतर ढंग से लागू करने और कमजोरियों को दूर करने के उपाय खोजे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में बलात्कार, दहेज प्रथा और मादक पदार्थों के सेवन के विरुद्ध भी कड़े कानून हैं, लेकिन न ऐसे मामलों में अपराध खत्म हो गए, न कोई इन कानूनों को समाप्त करने की बात करता है।

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