राहुल गांधी को बिहार सीएम नीतीश कुमार ने दिया जवाब, चिंतन शिविर में कांग्रेस नेता ने दिया था बयान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चिंतन शिवर में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिनको जो मन में आता है वह बोलते रहते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैंने राहुल गांधी के उस वक्तव्य को नहीं देखा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 05:06 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 05:06 PM (IST)
राहुल गांधी को बिहार सीएम नीतीश कुमार ने दिया जवाब, चिंतन शिविर में कांग्रेस नेता ने दिया था बयान
बिहार सीएम नीतीश कुमार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस के चिंतन शिविर में हाल ही में राहुल गांधी ने यह कहा था कि क्षेत्रीय दल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचाराधारा का अभाव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंगलवार को जब इस संबंध में उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कुछ अधिक टिप्पणी नहीं करते हुए सिर्फ इतना कहा कि -जिनको जो मन में आता है वह बोलते रहते हैं। वैसे उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैंने राहुल गांधी के उस वक्तव्य को नहीं देखा है। एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम से लौटने के क्रम में उन्होंने यह बात कही।

- जीतनराम मांझी द्वारा राज्यसभा की एक सीट की मांग पर कहा-मांग करने में क्या दिक्कत है - अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजे जाने पर कहा कि सर्वसम्मति से था यह फैसला

सभी की राय थी कि अनिल को बनाया जाए प्रत्याशी

राज्यसभा की सीटों के संबंध में भी मुख्यमंत्री से प्रश्न किया गया। जदयू द्वारा अनिल हेगड़े की उम्मीदवारी के बारे पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पार्टी के लिए दिन-रात काम करता रहता है उसे तो देना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाए जाने का निर्णय पार्टी ने सर्वसम्मति से लिया गया। सभी की यह राय थी कि अनिल हेगड़े को ही प्रत्याशी बनाया जाए। हम सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा राज्यसभा की एक सीट की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मांग किए जाने में दिक्कत क्या है?

बिहार में कांग्रेस और राजद के रास्ते अलग

कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल के सामने राजद के नेताओं ने बिहार में राजद से अलग होकर राह अपनाने की बात कही थी। बिहार में कांग्रेस और राजद के रास्ते पहले से ही अलग हैं और दो सीटों पर उपचुनाव के साथ विधान परिषद चुनाव में भी दोनों अलग-अलग प्रत्याशी उतार चुके हैं। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने कोशिशें की पर लालू ने साथ आने पर हामी नहीं भरी।

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