बिहार बोर्ड ने अपनी भूल में किया सुधार और छात्र बन गया मैट्रिक परीक्षा का सेकेंड टॉपर, जानें Patna News

पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मैट्रिक परीक्षा में एक छात्र सेकेंड टॉपर बन गया। जानिए कैसे बिहार बोर्ड ने अपनी भूल में किया सुधार।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 21 Aug 2019 10:43 AM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2019 10:43 AM (IST)
बिहार बोर्ड ने अपनी भूल में किया सुधार और छात्र बन गया मैट्रिक परीक्षा का सेकेंड टॉपर, जानें Patna News
बिहार बोर्ड ने अपनी भूल में किया सुधार और छात्र बन गया मैट्रिक परीक्षा का सेकेंड टॉपर, जानें Patna News

पटना, जेएनएन। बिहार बोर्ड ने एक भूल सुधार की और सिमुलतला आवासीय विद्यालय का छात्र मैटिक की परीक्षा का सेकंड टॉपर बन गया। पटना हाईकोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के बाद पता चला कि छात्र ने यदि हाईकोर्ट का सहारा नहीं लिया होता तो वह सेकंड टॉपर घोषित नहीं हो पाता।

सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र मानव गोपाल ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि उसे मैटिक परीक्षा में हिन्दी विषय में कम अंक दिए गए हैं। मामले की सुनवाई न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की अदालत में हुई। याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर परीक्षा समिति से हिंदी की कॉपी अदालत में मंगवाई गई। इससे पहले की गड़बड़ी पकड़ी जाती, परीक्षा समिति ने स्वीकार कर लिया कि मानव गोपाल को एक प्रश्न के उत्तर में चार अंक नहीं दिए गए थे।

इसे जोड़ने के बाद उसका कुल अंक 458 से बढ़ कर 462 हो चुका है। छात्र ने 2017 में मैटिक की परीक्षा दी थी। विवाद सुलझने में दो वर्ष लग गए। चार अंक मिलने के बाद मानव गोपाल बोर्ड की सेकेंड टॉपर हर्षिता कुमारी के बराबर अंक लाने वाला छात्र बन गया। अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार सेकंड टॉपर को देय सुविधाएं गोपाल को भी उपलब्ध कराए।

chat bot
आपका साथी