अमित शाह पर लिखी किताब पर बिहार भाजपा ने किया मंथन, उनकी राजनीतिक यात्रा को सराहा

भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लिखी गई किताब पर शनिवार को पटना में मंथन हुआ। ज्ञान भवन में हुई परिचर्चा में उनकी राजनीतिक यात्रा की तारीफ की गई।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 04:11 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 10:31 PM (IST)
अमित शाह पर लिखी किताब पर बिहार भाजपा ने किया मंथन, उनकी राजनीतिक यात्रा को सराहा
अमित शाह पर लिखी किताब पर बिहार भाजपा ने किया मंथन, उनकी राजनीतिक यात्रा को सराहा

पटना, जेएनएन। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लिखी गई किताब पर शनिवार को पटना में मंथन हुआ। किताब में अमित शाह की राजनीतिक यात्रा का विस्‍तृत वर्णन किया गया है। पटना के ज्ञान भवन में आयोजित परिचर्चा में भाजपा नेताओं ने अमित शाह की राजनीतिक यात्रा की जमकर सराहना की तथा इसे पार्टी व देश हित में बताया।   

बिहार भाजपा की ओर से आयोजित परिचर्चा में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व लोकायुक्त आरएन प्रसाद और किताब के लेखक अनिर्बान गांगुली एवं शिवानंद द्विवेदी भी पहुंचे हुए थे। खास बात कि जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक भी भाजपा नेताओं के साथ नजर आए। आयोजित परिचर्चा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बिहार सरकार के कई मंत्री उपस्थित थे। 

मौके पर उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की परंपरा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगे बढ़ा रहे हैं। वह भाजपा के सबसे कम उम्र में अध्यक्ष बनने वाले पहले बूथ स्तरीय कार्यकर्ता हैं। यही नहीं, अमित शाह का नाम भाजपा व देश के इतिहास में कई बड़े बदलाव के लिए याद किया जाएगा। 

मोदी ने कहा कि 27 वर्ष पूर्व जब कांग्रेस का शासन था, तब शाह की कंपनी का पैसा बिहार में इसलिए फंसा था, क्योंकि अधिकारियों को घूस चाहिए था। अपनी कंपनी के फंसे पैसे को निकालने के लिए शाह को बिहार आकर भ्रष्ट अधिकारियों से जूझना पड़ा था। कांग्रेस के शासनकाल के भ्रष्टाचार की चर्चा स्वयं शाह ने 2014 के चुनाव के दौरान अपनी दूसरी बिहार यात्रा के दौरान की थी। सुशील कुमार मोदी ने चाणक्य और वीर सावरकर का जिक्र करते हुए कार्यकर्ताओं से भाजपा और शाह पर लिखी गई पुस्तक पढऩे की अपील की। शाह के नेतृत्व में भाजपा के दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने के प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला। कांग्रेस द्वारा शाह को दी गई यातनाओं से संबंधित विभिन्न प्रकरणों के बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं को अवगत कराया।

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने संगठन और जनाधार विस्तार के लिए अमित शाह किए गए अभिनव प्रयोग का विस्तार से जिक्र किया। जायसवाल ने कहा कि अमित शाह के पन्ना प्रमुख बनाने की पहल को समझने में हमे पांच वर्ष लग गए। शाह के अभिनव प्रयोग का परिणाम है कि 2019 के चुनाव में भाजपा को 303 सीटें मिली। उन्होंने शाह के 55 फीसद वोट भाजपा के लिए हासिल करने की नीति के बारे में बताया। पूर्व लोकायुक्त आरएन प्रसाद, किताब के लेखक अनिर्बान गांगुली और शिवानंद द्विवेदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। अनिर्बान और शिवानंद ने किताब के बारे में बताया। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री नागेंद्र नाथ, बिहार भाजपा के प्रदेश सह चुनाव प्रभारी अनिल शर्मा, भाजपा उपाध्यक्ष देवेश कुमार, निवेदिता सिंह और बिहार सरकार में शामिल भाजपा के कई मंत्री एवं पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि अमित शाह और भाजपा की यात्रा नामक पुस्‍तक को हाल ही में विमोचन किया गया है। इस पुस्‍तक में बताया गया है कि अमित शाह जब 13 वर्ष के थे, तभी जनसंघ से जुड़ गए थे। जनसंघ में एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम करते हुए भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बन गए। इसमें यह भी बताया गया है कि 13 वर्ष की उम्र में ही ये सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी के लिए मेहसाणा की गलियों में झंडा लेकर निकल पड़े थे।

अमित शाह तब गलियों में पोस्टर चिपकाते थे, पर्चे बांटते थे और लोगों को मोटिवेट करते थे। फिर भाजपा को जमीनी स्‍तर पर मजबूत करने का काम किया। उन्‍होंने हजारों मील की पैदल यात्रा की और युवाओं को पार्टी से जोड़ा। जरूरत पड़ी तो बस व ट्रेन से भीड़ में सफर किया। गांवों में रात गुजारी। किताब में अमित शाह में बारे में बहुत सी जानकारी दी गई है।  

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