Bihar Assembly Election 2020: सियायत के केंद्र बने CM नीतीश कुमार, नाम पर विपक्ष दो-फाड़
Bihar Assembly Election 2020 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में लाना है या उनके विरोध में चुनावी सियासत करनी है विपक्ष इसपर एकमत नहीं दिख रहा। बयान तो यही बता रहे हैं।
पटना [जेएनएन]। Bihar Assembly Election 2020: बिहार की सियासत के केंद्र बने जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो व मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर अब विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) दो-फाड़ दिख रहा है। महागठबंधन का एक धड़ा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सत्ता से हटाने के लिए नीतीश कुमार को साथ लाने के पक्ष में है तो दूसरा इसके विरोध में है। हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Dr. Raghuvansh Prasad Singh) के नीतीश कुमार को साथ लाने के पक्ष में दिए बयान पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की प्रतिक्रिया की।
रघुवंश बोले: बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन में आएं नीतीश
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीते दिनों समाचार एजेंसी एएनआइ (ANI) से बातचीत में कहा था कि कि बीजेपी के खिलाफ जेडीयू सहित सभी गैर बीजेपी राजनीतिक दलों को एक मंच पर आना चाहिए। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए यह जरूरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी का इसमें स्वागत किया जाना चाहिए।
कुशवाहा की प्रतिक्रिया: नीतीश का नहीं होगा स्वागत
इस मुद्दे पर सोमवार को आरएलएसपी सुप्रीमो व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह अनाप-शनाप बयानबाजी करते हैं। उनके बयान का कोई मतलब नहीं है। महागठबंधन में नीतीश कुमार के स्वागत का सवाल ही नहीं उठता है।
नीतीश बने चुनावी फैक्टर, उनके नाम पर विपक्ष दो-फाड़
विदित हो कि एक तरफ रघुवंश प्रसाद आरजेडी में नीतीश कुमार का स्वागत कर रहे हैं, वहीं पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) द्वारा दिया चुनावी नारा 'दो हजार बीस, हटाओ नीतीश' नीतीश कुमार के खिलाफ है। आरजेडी के इन दिनों जारी चुनावी पोस्टर भी नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल पर प्रहार कर रहे हैं। पार्टी के इस विरोधाभाष के बीच अब उपेंद्र कुशवाहा के बयान से इतना तो स्पष्ट है कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में नीतीश कुमार एक फैक्टर बन चुके हैं और उनके नाम पर विपक्ष दो-फाड़ है।