बंसिया बजाओ न श्याम..

तबले और हारमोनियम की जुगलबंदी और शास्त्रीय स्वरों की प्रस्तुति दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 01:37 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 01:37 AM (IST)
बंसिया बजाओ न श्याम..
बंसिया बजाओ न श्याम..

तबले और हारमोनियम की जुगलबंदी और शास्त्रीय स्वरों की प्रस्तुति दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगी थी। शास्त्रीय संगीत की फुहार में श्रोता भीगने को बेताब थे। मंच पर आसीन कलाकार अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार-चांद लगाते नजर आए। कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को फ्रेजर रोड स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर के बहुउद्देशीय परिसर में देखने को मिला। मौका था भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद विदेश मंत्रालय भारत सरकार एवं कला संस्कृति युवा विभाग के तत्वावधान में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति का। गायिका डॉ. नीरा चौधरी ने अपनी दमदार आवाज में शास्त्रीय संगीत पेश कर दर्शकों की तालियां बटोरीं। चौधरी ने राग श्री में छोटा ख्याल व ख्माज और ठुमरी को पेश कर समारोह को यादगार बना दिया।

रागश्री से गुलजार हुआ परिसर

कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्रीय गायिका डॉ. नीरा चौधरी ने रागश्री में विलंबित ख्याल एक ताल में 'रंग दो मोरे श्याम' को बयां कर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ता जा रहा था सभागार में एक से बढ़कर एक शास्त्रीय गीतों की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो रहे थे। गायिका ने कार्यक्रम में जान फूंकने के लिए छोटा ख्याल तीन ताल में 'आए रे सजन मोरे' को पेश कर दर्शकों का दिल जीता। कार्यक्रम में चार-चांद लगाने और दर्शकों का दिल जीतने में कलाकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। गायिका ने शास्त्रीय संगीत की नवीनतम शैली से दर्शकों को रूबरू कराते हुए ख्माज ठुमरी में 'बंसिया बजाओ न श्याम' को पेश कर सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। कार्यक्रम समापन के पूर्व गायिका ने कबीर के भजन 'मानत नहीं मन मोहे' को पेश कर श्रोताओं का दिल जीता। गीतों को जीवंत बनाने में संगत कलाकारों का उम्दा प्रदर्शन रहा। संगत कलाकारों में तबले पर शांतनु राय, हारमोनियम पर सीताराम एवं तानपुरा पर प्रीति मिश्रा व सिम्पी माला ने प्रदर्शन कर कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिया। मंच का संचालन वरिष्ठ कलाकार सुदीपा घोष ने किया। सभागार में शहर के प्रबुद्ध लोगों ने गीतों का भरपूर आनंद उठाया।

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