बैंक ऋण प्रबंधन में बिग डाटा कारगर

पटना। वैज्ञानिक अनुसंधान, सोशल साइट, बैंक लोन प्रबंधन, ह्यूमन जेनेटिक मेडिसिन क्षेत्र का एना

By Edited By: Publish:Wed, 27 Apr 2016 01:24 AM (IST) Updated:Wed, 27 Apr 2016 01:24 AM (IST)
बैंक ऋण प्रबंधन में बिग डाटा कारगर

पटना। वैज्ञानिक अनुसंधान, सोशल साइट, बैंक लोन प्रबंधन, ह्यूमन जेनेटिक मेडिसिन क्षेत्र का एनालिटिक्स करने पर काफी मात्रा में डाटा आते हैं। यदि इसपर सही से शोध कर कोई परियोजना बनाया जाए तो काफी लाभदायक साबित होगा। बैंक लोन प्रबंधन में यह काफी कारगर साबित होगा। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन व्यक्ति बैंक का लोन डिफॉल्टर है। ये बातें पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर सांख्यिकी विभाग में आयोजित तीन दिवसीय बिग डाटा एनालिटिक्स राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कोलकाता विवि के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी मुखर्जी ने कहीं।

उन्होंने कहा कि बिग डाटा एनालिटिक्स में टूल्स व तकनीक का ज्यादा महत्व है। सीसीटीवी भी डाटा जेनरेट करता है। इसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से बिग डाटा तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड से बने इमेज के आधार पर बिग डाटा तैयार होता है। इसके एनालिसिस पर कई बीमारियों का पता लगाकर संबंधित क्षेत्र के लिए खास योजना भी बनाई जा सकती है। बॉयो इनफॉर्मिक्स, रेलवे रिजर्वेशन को लेकर भी जानकारी एकत्रित किया जा सकेगा कि कहां से कम व ज्यादा बुकिंग किए गए। विश्व भारती ज्ञान निकेतन के प्रो. पी दत्ता ने कहा कि बिग डाटा एनालाइसिस तैयार करने के लिए गूगल से विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है। इससे आसानी से आकड़ा तैयार किया जा सकेगा। पटना विवि के पूर्व डीन सह विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेंद्र मिश्रा ने आधुनिक युग में बड़ा डेटा विश्लेषण के महत्व पर बल दिया। पीयू के कुलपति प्रो. वाईसी सिम्हाद्रि ने बिग डाटा एनालिटिक्स काफी महत्वपूर्ण विषय है। इससे बाजार के बारे में व्यावसायिक जानकारी काफी मात्रा में प्राप्त किया जा सकेगा। प्रतिकुलपति डॉ. रंजीत कुमार वर्मा ने बिग डाटा के महत्व के बारे में बताया। आगत अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. अंचला कुमारी ने किया। संचालन प्रियदर्शनी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आरएन मिश्रा ने किया। मौके पर रश्मि शेखर, ऋचा वर्मा सहित अन्य शिक्षक, शोधछात्र व प्रतिभागी उपस्थित थे।

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