सेना का युद्ध इतिहास पाठ्यक्रम में होगा शामिल : रविशंकर

भारत की सेना जिस मर्यादा के साथ सीमा पर युद्ध लड़कर देश की रक्षा करते आ रही है।

By Edited By: Publish:Sun, 24 Jul 2016 01:41 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jul 2016 01:41 AM (IST)
सेना का युद्ध इतिहास पाठ्यक्रम में होगा शामिल : रविशंकर

पटना। भारत की सेना जिस मर्यादा के साथ सीमा पर युद्ध लड़कर देश की रक्षा करते आ रही है इससे बच्चों को अवगत कराना चाहिए। 1948, 1965, 1971 और कारगिल युद्ध का इतिहास स्कूली बच्चों पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए मानव संसाधन मंत्री से सिफारिश करेंगे। ये बातें केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को स्थानीय रविन्द्र भवन में आयोजित कारगिल विजयोत्सव अमृत रसवादन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर कहीं। इस मौके पर वायु सेना दिल्ली मुख्यालय के एयर कोमोडोर राजीव रंजन व एंट्री टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एमएस बिट्टा भी मौजूद थे।

सेना के इतिहास पर देश को गर्व

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1965 युद्ध के 50 वें साल पूरे होने पर शहीद अब्दुल हमीद (परमवीर चक्र) के बारे में जानने का अवसर मिला था। अब्दुल हमीद युद्ध मैदान में जिप पर सवार होकर दुश्मनों के टैंक को भेद रहे थे उस जीप चालक से पूरी कहानी सुनने का मौका मिला था। मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना का युद्ध इतिहास पर देश के हर नागरिकों को गर्व है। श्री प्रसाद ने कहा कि पाकिस्तान की सेना युद्ध में हारती है और सत्ता पर कब्जा करती है। भारतीय फौज युद्ध में जीतकर लोकतंत्र की रक्षा करती है। देश के लिए त्याग करती है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम में बिहटा वायु सेना के ग्रुप कैप्टन ए. टोकेकर, ब्रिगेडियर एन राजकुमार, ब्रिगेडियर अनिमेष गांगुली और ब्रिगेडियर आरवी सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम में गुलाम वारिस, पं. सलिल भट्ट, प्रांशू चतुरलाल, गोरम खान और रोशन खान ने शास्त्रीय वादन से शहीद सैनिकों को सलाम कहा।

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