पटना में 75.945 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण, फरवरी से मिलेगा मेट्रो डिपो की जमीन का मुआवजा

मार्च-अप्रैल तक सभी प्रक्रिया पूरी कर पटना मेट्रो को जमीन मिल जाएगी। इसके साथ ही मेट्रो के पास अपनी संपत्ति होने से वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिलने का रास्ता भी आसान हो जाएगा। मेट्रो डिपो में इंजन और कोच के रखरखाव तथा मरम्मत का काम होता है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 11:08 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 11:08 PM (IST)
पटना में 75.945 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण, फरवरी से मिलेगा मेट्रो डिपो की जमीन का मुआवजा
पटना में फरवरी से मिलेगा मेट्रो डिपो की जमीन का मुआवजा। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : पटना मेट्रो रेल के पाटलिपुत्र आइएसबीटी डिपो की करीब 76 एकड़ जमीन के लिए फरवरी के पहले सप्ताह से मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें 50.59 एकड़ जमीन पहाड़ी जबकि 25.35 एकड़ जमीन रानीपुर मौजा की है। उम्मीद है कि मार्च-अप्रैल तक सभी प्रक्रिया पूरी कर पटना मेट्रो को जमीन मिल जाएगी। इसके साथ ही मेट्रो के पास अपनी संपत्ति होने से वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिलने का रास्ता भी आसान हो जाएगा। मेट्रो डिपो में इंजन और कोच के रखरखाव तथा मरम्मत का काम होता है। इसके अलावा ट्रायल आदि का काम भी किया जाता है। 

 पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मेट्रो की जमीन के लिए दावा-आपत्ति का निराकरण कर दिया गया है। अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए प्रशासन के स्तर से सूची तैयार की जाएगी कि अंतिम तौर पर किन-किन लोगों को जमीन का मुआवजा देना है। किन लोगों की कितनी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और इसके लिए कितनी राशि का भुगतान करना है। यह जानकारी एकत्रित कर जमीन मालिकों को जिला प्रशासन के स्तर से नोटिस जारी की जाएगी कि जमीन का कागज जमा करके मुआवजा राशि ले ली जाए। अगले एक सप्ताह में नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फरवरी के पहले सप्ताह से जमीन की मुआवजा राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।  75.945 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण 50.59 एकड़ जमीन है पहाड़ी मौजा की 25.35 एकड़ जमीन है रानीपुर मौजा की

700 करोड़ से अधिक होंगे खर्च
पटना मेट्रो डिपो के जमीन अधिग्रहण पर 700 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है। मेट्रो के भू-अर्जन के लिए राज्य सरकार के स्तर से ही राशि वहन की जानी है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये भू-अर्जन मद में खर्च करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा 200 करोड़ रुपये निवेश मद में भी खर्च करने की स्वीकृति दी गई है।
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