भानेखाप में फिर शुरू हुआ अवैध अभ्रक का खनन

थानाक्षेत्र के नक्सल प्रभावित हरदिया पंचायत की भानेखाप में फिर से अभ्रक का अवैध खनन शुरू।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jun 2018 12:06 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jun 2018 12:06 AM (IST)
भानेखाप में फिर शुरू हुआ अवैध अभ्रक का खनन
भानेखाप में फिर शुरू हुआ अवैध अभ्रक का खनन

नवादा। थानाक्षेत्र के नक्सल प्रभावित हरदिया पंचायत की भानेखाप में फिर से अभ्रक का अवैध खनन शुरू हो गया हैं। अभ्रक माफिया काफी चतुराई से अभ्रक का अवैध खनन प्रतिदिन कर रहे हैं। बताया जाता है कि भाड़े के हथियारबंद पहरेदारों की निगरानी में अवैध खनन का कार्य शुरू किया गया है। ड्रील मशीन व जेसीबी चलाकर खोदाई किया जा रहा है। अवैध खनन अब दिन के उजाले की बजाय रात के अंधेरे में किया जा रहा है। रात में खनन और दिन में मजदूरों से उसे इकट्ठा कराया जाता है। और फिर उसे ट्रकों में भरकर झारखंड के कोडरमा के बाजारों में ले जाकर के बेच रहे हैं। माफिया का हौसला इतना बुलंद हैं कि पुलिस के लाख कोशिशों के बाद भी काम छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जानकार यह भी बताते हैं कि भानेखाप के अभ्रक माफिया नक्सलियों को प्रतिमाह लाखों रुपये लेवी देते हैं। इसी लेवी के रुपये से नक्सली आर्थिक रूप से काफी मजबूत हो रहे हैं। लेवी की रकम से सुरक्षा बलों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले हथियार भी खरीद रहे हैं। बताया जाता है कि माफिया नक्सलियों को एक ट्रक अभ्रक निकालने के एवज में एक हजार रुपये प्रति गाड़ी लेवी के रूप में देते हैं। वहीं अभ्रक खरीदने वाले व्यापारी नक्सलियों को लेवी के रूप में एक किलो अबरक खरीदने पर 50 पैसा देता है। कुल मिलाकर अगर आंकड़ा देखा जाए तो प्रतिदिन भनेखाप से चार ट्रक अभ्रक कोडरमा बिक्री के लिए जाता है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि नक्सलियों की कितनी कमाई होती हैं। भानेखाप से नक्सलियों को लेवी उनके ठिकाने तक अभ्रक माफिया का पहुंचाने का ही जिम्मा रहता हैं।

बताते चलें कि पिछले सप्ताह ही एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में एसटीएफ के जवानों भनेखाप के अवैध अभ्रक खदान पर छापेमारी की थी। वहां से एक जेसीबी को जब्त कर लाया था। इस मामले में चार माफिया के खिलाफ वन विभाग द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। तब कुछ दिनों के लिए काम बंद रहा था। अब फिर से खनन शुरू हो गया है।

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