मड़ही पूजा में उमड़ी प्रेम व भाईचारे की रसधार

कौआकोल के पाण्डेयगंगौट गांव में मंगलवार की देर रात्रि शुरू हुए सरकार वारिस पाक देवाशरीफ के परम शिष्य

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 11:57 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 11:57 PM (IST)
मड़ही पूजा में उमड़ी प्रेम व भाईचारे की रसधार
मड़ही पूजा में उमड़ी प्रेम व भाईचारे की रसधार

कौआकोल के पाण्डेयगंगौट गांव में मंगलवार की देर रात्रि शुरू हुए सरकार वारिस पाक देवाशरीफ के परम शिष्य नंद बाबा का वार्षिकोत्सव व मड़ही पूजा का समापन गुरुवार की अहले सुबह किया गया। समापन के पूर्व आयोजकों द्वारा हजारों श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। इसके बाद विभिन्न प्रदेशों से आए मेहमानों को विदाई दी गई। इस अवसर पर आगंतुकों की सलामती की प्रार्थना भी की गई। दो दिवसीय मड़ही पूजा के दौरान महंथ बाबा के प्रति आस्था और विश्वास लोगों में देखते ही बन रही थी। लोग बाबा की भक्ति में भाव विभोर हो रहे थे। जाति और धर्म का बंधन टूटता दिखा। लोगों के बीच जमकर प्रेम और भाईचारा का रसधार बहते देखा गया। काफी संख्या में लोग मन्नतें पूरी होने पर पूजा, बच्चों का मुंडन एवं पाठे की बली देने पहुंचे थे। एक तरफ वारसी धर्मावलंबी तथा विभिन्न सम्प्रदाय के लोग बाबा की मजार पर माथा टेकने व चादरपोशी करने को लेकर उतावले नजर आए, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में श्रद्धालु सूफी भजन में लीन रहे। इस दौरान कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के कव्वाली, सूफी भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मिला जुलाकर यूं कहें तो मड़ही पूजा के दौरान सभी धर्मों व जातियों लोगों ने गजब का सांप्रदायिक सद्भाव व कौमी एकता की एक अद्भूत मिसाल पेश की। इस दौरान वारसी पूजा लोगों के बीच प्रेम का संदेश देता रहा। जिला पार्षद नारायण स्वामी मोहन, शारंगधर मोहन, महेंद्र सिंह, उपेन्द्र शर्मा, अभिजीत स्वामी मोहन, श्रीधर पांडेय आदि लोग कार्यक्रम की सफलता में जुटे रहे। दो दिनों तक चलने वाली पूजा के दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्थानीय लोगों के अलावा रुपौ थानाध्यक्ष संतोष कुमार दर्जनों पुलिस बल के साथ सुरक्षा की कमान संभाले रहे। बता दें कि 19वीं सदी के महान संत हाजी हाफिज सैयद वारिस अली शाह के परम शिष्य नंद बाबा की याद में मड़ही पूजा का आयोजन प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के अठारहवीं तिथि को जबकि कार्तिक मास के द्वितीय तिथि को महंथ बाबा के याद में मनाया जाता है।

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