प्रतिबंधित वन्यजीव कछुआ जब्त, वन विभाग की टीम ने की कार्रवाई

बिहारशरीफ। शहर में इन दिनों मछली विक्रेता खुलेआम कछुए की बिक्री कर रहे हैं। सोहसराय थाना क्षेत्र के 17 नंबर के समीप सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने यह कार्रवाई की है। बिहारशरीफ वन्य प्रक्षेत्र के रेंज ऑफिसर सुनील कुमार ने बताया कि कछुए की बिक्री की सूचना मिलने के बाद वनरक्षी तरन्नुम खातून व कौशलेंद्र कुमार को भेजा गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 11:52 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 11:52 PM (IST)
प्रतिबंधित वन्यजीव कछुआ जब्त, वन विभाग की टीम ने की कार्रवाई
प्रतिबंधित वन्यजीव कछुआ जब्त, वन विभाग की टीम ने की कार्रवाई

बिहारशरीफ। शहर में इन दिनों मछली विक्रेता खुलेआम कछुए की बिक्री कर रहे हैं। सोहसराय थाना क्षेत्र के 17 नंबर के समीप सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने यह कार्रवाई की है। बिहारशरीफ वन्य प्रक्षेत्र के रेंज ऑफिसर सुनील कुमार ने बताया कि कछुए की बिक्री की सूचना मिलने के बाद वनरक्षी तरन्नुम खातून व कौशलेंद्र कुमार को भेजा गया। टीम को आता देख मछली विक्रेता कछुआ को छोड़कर फरार हो गया। इस दौरान कुल चार कछुए को जब्त किया गया। सुनील कुमार ने बताया कि कछुए की खरीद-बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित है। अब इसे किसी नदी या जलाशय में छोड़ दिया जाएगा। शहर के अन्य जगहों पर भी इस तरह के अभियान चलाए जाएंगे।

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शिकार व तंत्र साधना के कारण इस प्रजाति पर है खतरा

वाइल्डलाइफ से जुड़े राहुल कुमार से पूछे जाने पर बताया गया कि जब्त कछुआ सुंदरी प्रजाति का है। इसका वैज्ञानिक नाम लिससेमयस पंकटाटा (इंडियन फलंपशेल टर्टल) है। यह सामान्य प्रजाति का कछुआ है, जो पूरे भारत समेत पड़ोसी पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी पाया जाता है। सुंदरी तालाब और कुएं में देखें जाते हैं। मछली पकड़ने के क्रम में लोग इसे भी अपना शिकार बना लेते हैं। इस कारण इस प्रजाति पर बड़ा खतरा है। इसका मुख्य आहार सड़े-गले और अवशिष्ट पत्तियां, कीड़े-मकोड़े और जलीय पौधे हैं।

इसके मांस की बहुत मांग है जो खतरे की घंटी है। तांत्रिकों द्वारा इसके नख और कवच तंत्र साधना के लिए उपयोग किया जाता है। दीपावली के समय तंत्र साधना के लिए इसकी मांग भी बढ़ जाती है। सुंदरी को रेड लिस्ट (एलसी) और वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची एक में शामिल किया गया है।

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