मधुबनी: दुख भरे 25 साल बीते तो छलकीं दिलीप की आंखें, इनकी स्टोरी जानकर चौक जाएंगे आप

Madhubani news माता-पिता को आखिरी बार ना देख पाने का जीवन भर रहेगा मलाल मधुबनी से भटक असोम पहुंचे दिलीप के स्वजनों को फेसबुक पर खोज छात्रों ने मिलाया करीमपुर में एक सेठ करा रहा था बंधुआ मजदूरी पुलिस ने कराया मुक्त 50 साल की उम्र में पहुंचे घर

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 03:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 07:50 PM (IST)
मधुबनी: दुख भरे 25 साल बीते तो छलकीं दिलीप की आंखें, इनकी स्टोरी जानकर चौक जाएंगे आप
घर लौटने के बाद आपबीती सुनाता दिलीप मंडल। फोटो-जागरण

फुलपरास (मधुबनी) जासं। दुख भरे 25 साल के बाद घर आने की खुशी जताने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं। ऐसा लगता है मानो दूसरी जिंदगी मिल गई। जब घर से गया था तो माता-पिता ङ्क्षजदा थे। वापस आया तो वे इस दुनिया में नहीं हैं। उन्हें नहीं देख पाने का मलाल जीवनभर रहेगा। इतना कहते हुए घोघरडीहा प्रखंड के केवटना निवासी दिलीप मंडल की आंखें नम हो गईं।

वे 25 साल पहले घर से लापता हो गए थे। भटकते हुए असोम पहुंच गए थे। वहां एक सेठ के चंगुल में फंस बंधुआ मजदूर हो गए थे। वहां काम के बदले बस दो वक्त की रोटी मिलती थी। उन दिनों को याद कर दिलीप की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने बताया कि जिस सेठ के यहां वे फंसे थे, वहां काम करने वाला कोई टिकता नहीं था। सेठ नौकरों के साथ मारपीट भी करता था। घर वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। घर का पता-ठिकाना भी भूल गया था। पिछले तीन साल से घर की बहुत याद आती थी। सेठ से जब भी घर जाने को कहता, साफ इंकार कर दिया जाता।

छात्रों की मदद से मिली आजादी 

दिलीप ने बताया कि सेठ के काम से वे अक्सर बाजार जाते थे। वहीं करीमगंज कालेज के कुछ छात्रों से अपनी दुखभरी कहानी साझा की। उन छात्रों ने परिवार वालों का नाम पूछा। उन्होंने फेसबुक पर मेरे भतीजे ब्रह्मपूजन मंडल को खोज निकाला। यहीं से कड़ी मिलती गई। छात्रों ने ही भतीजे से संपर्क किया। इससे दिलीप के घरवालों को उसके असोम में फंसे होने की जानकारी मिली। इधर, छात्रोंं के कहने पर दिलीप ने करीमगंज थाने में मामला दर्ज कराया। उसके 15 दिन बाद पुलिस पहुंची। इधर, दिलीप के स्वजन भी असोम पहुंचे। आखिरकार दिलीप का 25 साल का इंतजार खत्म हुआ। 50 की उम्र में वे घर लौटे। माता-पिता तो नहीं रहे, लेकिन दिलीप के भाई कुसुम लाल मंडल, फूलदेव मंडल समेत पूरा परिवार काफी खुश है।

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