शोध का विषय स्थानीय, लेकिन सोच विश्वस्तरीय होनी चाहिए

शोध करने वाले छात्रों को थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली का नारा प्रसिद्ध शिक्षाविद, पद्मश्री व नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर.के. सिन्हा ने दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 09:00 AM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 09:00 AM (IST)
शोध का विषय स्थानीय, लेकिन सोच विश्वस्तरीय होनी चाहिए
शोध का विषय स्थानीय, लेकिन सोच विश्वस्तरीय होनी चाहिए

मुजफ्फरपुर। शोध करने वाले छात्रों को थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली का नारा प्रसिद्ध शिक्षाविद, पद्मश्री व नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर.के. सिन्हा ने दिया। वे मंगलवार को एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज के तत्वावधान में आयोजित डिग्री शिक्षकों के लिए 86वें ओरिएंटल कोर्स के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने अपने कथन को स्पष्ट किया। कहा कि शोध की पृष्ठभूमि में वैश्रि्वक ज्ञान हो लेकिन, विषय का चयन अपने क्षेत्र की भौगोलिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से जुड़ी होनी चाहिए। ताकि, उनके शोध का लाभ जिला व प्रदेश को मिल सके। स्थानीय विषय होने से जनता से सीधा जुड़ाव होता है। अध्यक्षता बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अमरेंद्र नारायण यादव ने की। मुख्य रूप से कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय, पूर्व कॉलेज निदेशक प्रो. विजेंद्र प्रसाद सिंह मौजूद थे। संचालन निदेशक डॉ. मनेंद्र कुमार ने किया। धन्यवाद उप निदेशक डॉ. राजीव कुमार झा ने दिया।

देश में डॉल्फिन मैन के रूप में प्रख्यात डॉ. सिन्हा ने सलाह दी कि वे समर्पित होकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दें। अगर कहीं संसाधनों की कमी है, तो उसे अपनी लगन और श्रम से दूर कर पीएचडी की डिग्री प्राप्त करें।

कुलपति डॉ. यादव ने कहा कि ज्ञान को कॅरियर से जोड़ने में हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में पिछड़ गए हैं। उदाहरण दिया कि तीन दशक पूर्व तक पीएचडी अनिवार्य नहीं थी। उस समय के प्राध्यापकों की शैक्षिक योग्यता असंदिग्ध थी। आज पीएचडी प्राध्यापक के लिए अनिवार्य है। ऐसे में लोग ज्ञान के लिए शोध नहीं कर किसी तरह पीएचडी की डिग्री हासिल करते हैं। ताकि, उनकी नौकरी के साथ आगे प्रमोशन भी मिल सके। प्राध्यापकों के बीच अध्यापन की गुणवत्ता पर डॉ. सिन्हा ने कहा कि गांधीवादी दृष्टि अपनाने से शिक्षा की गुणवत्ता व ज्ञान दोनों में विकास होगा। ओरिएंटल कोर्स में 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कुलसचिव डॉ. अजय कुमार राय ने भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर जोर दिया।

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