मधुबनी में मृत महिला के नाम से फर्जी पत्नी बन पारिवारिक लाभ लेने का फर्जीवाड़ा उजागर
मधुबनी जिले फर्जीवाड़ा का एक अजीबों-गरीब सनसनीखेज मामला समाने आया है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के एक महिला दूसरी महिला जिसकी मौत हो चुकी है उसके नाम पर आवेदन देने पहुंच गई। मामला संदेश लगने पर इसकी जांच पड़ताल कराई गई तो पर्दाफाश हुआ।
मधुबनी (मधेपुर), जासं। फर्जी पत्नी बन एक महिला द्वारा पति के नाम से राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए प्रखंड में आवेदन देने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। जिस नाम से आवेदन दिया गया है, उनकी मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी की मौत भी हो चुकी है। मामला स्थानीय थाना के महिसाम पंचायत का है। मृत महिला के जिंदा होकर आवेदन करने के इस मामले में कई लोगों का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है। दिलचस्प यह कि फर्जी आवेदिका के आवेदन को वार्ड सदस्य, सरपंच और मुखिया द्वारा सत्यापित कर दिया गया। मामला तब उजागर हुआ जब बीडीओ अर्चना कुमारी ने इसकी जांच बीपीआरओ चन्द्रदेव प्रसाद को सौंपी। जांच रिपोर्ट आते ही सारा मामला साफ हो गया।
इस बाबत बीडीओ अर्चना कुमारी ने महिसाम पंचायत के प्रधान परामर्शी समिति गुलशन आरा, ग्राम कचहरी महिसाम के सरपंच रोकैया खातून, वार्ड 14 के वार्ड परामर्शी समिति अबुल हसन से स्पष्टीकरण मांगा है। जिसमें कहा गया है कि आवेदिका नूरजहां, पति स्व. नथुनी की मृत्यु वर्ष 2014 में ही हो चुकी है। ऐसे में मृत आवेदिका के फर्जी आवेदन पर अनुशंसा करना संज्ञेय अपराध है । बीडीओ ने कहा है कि स्पष्टीकरण का जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर जनप्रतिनिधियों द्वारा मृत आवेदिका के फर्जी आवेदन पर अनुशंसा करने के आरोप में सुसंगत धाराओं के तहत मधेपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी । इस घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं होने लगी है। आशंका जताई जा रही है कि जनप्रतिधियों की मिली भगत से ही ऐसा संभव हो सकता है। बीपीआरओ की जांच में सामने आया सच । फर्जी पत्नी बन पति के नाम से दिया आवेदन, पति-पत्नी दोनों की हो चुकी मौत । आवेदन को बिना जांच वार्ड सदस्य, सरपंच व मुखिया ने किया सत्यापित । मामला उजागर होने पर बीडीओ ने मांगा जवाब, हो सकती प्राथमिकी ।