एईएस पर नियंत्रण के लिए छह कोषांगों का पुनर्गठन
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ समानांतर रूप से एईएस पर भी नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है।
मुजफ्फरपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ समानांतर रूप से एईएस पर भी नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इससे संबंधित महत्वपूर्ण बैठक कर एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में उपस्थित जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ एईएस को लेकर बनाई गई कार्ययोजना पर विस्तृत रूप से विमर्श किया। अधिकारियों से सुझाव भी मांगा। बैठक में डीएम ने विभिन्न कोषांगों का पुनर्गठन कर प्रभावी कार्ययोजना तैयार की। कहा कि आने वाले दिनों में उक्त कार्य योजना के आलोक में जिला स्तर से लेकर पंचायतों में गांव स्तर तक एईएस की रोकथाम एवं उस पर नियंत्रण के मद्देनजर प्रभावी कवायद की जाएगी। विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय एवं सहयोग से ही हम उक्त बीमारी पर नियंत्रण में सफल साबित होंगे। आनेवाली चुनौतियों का हम सामना करने को तैयार हैं। कोरोना के साथ-साथ समानांतर रूप से हमें एईएस की चुनौतियों से भी निपटना होगा। इसलिए सभी अधिकारी इस संबंध में अपने उतरदायित्वों का गंभीरता से पालन करेंगे। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोताही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
--------------
पुनर्गठित कोषांग----
प्रचार प्रसार एवं जन-जागरूकता कोषांग : इस कोषांग के माध्यम से विभिन्न विभागों के माध्यम से परस्पर समन्वय से एईएस को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। नोडल पदाधिकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी बनाए गए हैं। क्षमता वर्धन एवं प्रशिक्षण कोषांग : इसके तहत ग्रामीण डॉक्टर का प्रशिक्षण, एईस वार्ड की तैयारी, दवा एवं उपकरण की उपलब्धता गैप एनालिसिस को पूरा करना, स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों तथा आशा, एएनएम आइसीडीएस के सेविका सहायिका व जीविका दीदियों आदि को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अनुश्रवण एवं मूल्यांकन -इस कोषांग के माध्यम से एईएस की रोकथाम एवं बचाव को लेकर किये जा रहे समस्त कार्यो का सतत अनुश्रवण किया जाएगा।
- एंबुलेंस सेवा त्वरित कोषांग, नियंत्रण कक्ष एवं क्यूआरटी कोषांग और चिकित्सीय संसाधन प्रबंधन कोषांग का गठन किया गया है।