शिवहर में रेलमार्ग निर्माण के लिए शिलान्यास से संबंधित पट्ट भी गायब

Sheohar News सूबे का सबसे छोटा जिला शिवहर आजादी के 74 साल बाद भी रेलमार्ग से अनजान है। यहां पटरी और ट्रेन सपना बनकर रह गया है। इन सबके बीच रेलमार्ग के लिए सर्वे से संबंधित शिलापट्ट भी गायब हो गया है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 03:38 PM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 03:38 PM (IST)
शिवहर में रेलमार्ग निर्माण के लिए शिलान्यास से संबंधित पट्ट भी गायब
शिवहर : समाहरणालय गेट की फाइल फोटो।

शिवहर, जागरण संवाददाता। सूबे का सबसे छोटा जिला शिवहर आजादी के 74 साल बाद भी रेलमार्ग से अनजान है। यहां पटरी और ट्रेन सपना बनकर रह गया है। इन सबके बीच रेलमार्ग के लिए सर्वे से संबंधित शिलापट्ट भी गायब हो गया है। 13 साल पूर्व तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने रेलमार्ग निर्माण के लिए सर्वे का शिलान्यास शिवहर समाहरणालय मैदान में किया था। इसके बाद परियोजना कागजों में उलझी रह गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा शिलापट्ट का संरक्षण नहीं किया गया। ऐसे में शिलापट्ट कहा रखा गया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जब आरटीआई के माध्यम से रेलवे से सूचना मांगी गई तो ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने भी इसकी जानकारी नहीं होने की सूचना दी। ईसीआर का कहना हैं कि न तो शिलापट्ट की बाबत उनके पास कोई जानकारी है और नहीं इस मद में हुई खर्च का ब्योरा। ईसीआर ने शिलान्यास तक की तस्वीर नहीं होने की जानकारी दी है। बताया हैं कि, तब ईसीआर का वजूद नहीं था। ईसीआर का कार्यालय वर्ष 2018 से काम कर रहा है।

 बताते चलें कि, दशकों पूर्व बापू की कर्मस्थली मोतिहारी से माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए वाया शिवहर रेलमार्ग निर्माण की पहल शुरू हुई थी। रेलवे द्वारा कार्ययोजना भी बनाई गई। लेकिन, समय बीतने के साथ ही योजना दम तोड़ गई। यूपीए-वन की मनमोहन सिंह की सरकार ने सीतामढ़ी-शिवहर-मोतिहारी रेल लाइन की स्वीकृति दी थी। अक्टूबर 2007 में शिवहर समाहरणालय ग्राउंड में भव्य समारोह के बीच तत्कालीन रघुनाथ झा की मौजूदगी में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने सर्वे का शिलान्यास किया था। सीतामढ़ी से रेवासी में क्रासिंग, धनकौल में हाल्ट, शिवहर में क्रांसिंग, सुगिया कटसरी में हाल्ट, पताही में क्रासिंग, ढ़ाका में क्रासिंग, चिरैया में हाल्ट, गजपुर में क्रासिंग व बापूधाम मोतिहारी तक कुल 78.92 किमी की इस परियोजना के लिए वर्ष 2007-2008 में 221 करोड़ की अनुमानित राशि खर्च करने का अनुमान था। जो बढ़कर 926.09 करोड़ हो गया। अब इसके और अधिक बढ़ने का अनुमान है।

 शुरूआती दौर में सर्वे का काम पूरा भी कराया गया। लेकिन राशि के अभाव में कई इलाकों में भूमि अधिग्रहण नहीं हो सका। लिहाजा यह परियोजना तीन जिलों में उलझ कर रह गई। मामले को लेकर शिवहर वार्ड 14 निवासी मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने 10 फरवरी को पूर्व मध्य रेलवे से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी। जबाव में पूर्व मध्य रेलवे नरकटियागंज के उप मुख्य अभ्सियंता ने 21 मार्च को भेजे गए जवाब में कहा हैं कि, उक्त शिलान्यास से संबंधित कोई जानकारी या शिलान्यास पट्ट की तस्वीर भी उनके पास नहीं है।

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