मुजफ्फरपुर में टीबी से सात की मौत, मरीजों की संख्या 534 तक पहुंची

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा.सीके दास ने बताया कि यक्ष्मा एक इलाज वाली बीमारी है। अपनी बीमारी काे छिपाने और विलंब से इलाज कराने के कारण मरीज मौत के करीब पहुंच रहे हैं। टीबी से फेफड़ा प्रभावित होता है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 09 Nov 2021 06:43 AM (IST) Updated:Tue, 09 Nov 2021 06:43 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में टीबी से सात की मौत, मरीजों की संख्या 534 तक पहुंची
मुजफ्फरपुर में कराएं निबंंधन, देश के किसी भी कोने में करा सकते इलाज।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिले में यक्ष्मा मरीज की संख्या 534 पर पहुंच गई है। इस बीच सात लोगों की मौत हो गई है। मौत के मामले सामने आने के बाद सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट किया गया है। यक्ष्मा रोग की समीक्षा के बाद अब सभी पीएचसी प्रभारी को मरीजों की खोज करने का टास्क दिया गया है। यक्ष्मा के लक्षण मिलने के बाद उसकी जांच शुरू कर देनी है ताकि उसकी जान बचाई जा सके। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा.सीके दास ने बताया कि यक्ष्मा एक इलाज वाली बीमारी है। लेकिन जो लोग अपनी बीमारी का छिपाने के चक्कर में और विलंब से इलाज कराने के कारण मरीज मौत के करीब पहुंच रहे है। टीबी से फेफडा प्रभावित होता है इसलिए अगर समय से इलाज नहीं शुरू हुआ तो मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। आम लोगों से अपील किया कि अगर दो सप्ताह से उपर से खांसी हो तो यक्ष्मा का संभावित लक्ष्ण मानते हुए उसकी जांच करा ले। डा.दास ने कहा कि हर खांसी टीबी नहीं हो सकती। बावजूद इसके जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर बीमारी क्या है।

देश में कहीं ले सकते हैं दवा

यक्ष्मा के मरीज का निबंधन यदि एक बार एक जगह पर हो गया तो वह देश के किसी भी कोने में सरकारी अस्पताल से संपर्क कर यक्ष्मा की दवा का सेवन कर सकते है। इसलिए छठ के मौके पर जो लोग बाहर से आए है अगर उनको लक्षण दिखे तो जांच कर दवा शुरू कर दे। जिला यक्ष्मा केन्द्र के मुताबिक यदि टीबी की दवा मुफ्त मिल रही है। रोग के कोटि के हिसाब से 6 माह से दो साल तक इलाज का कोर्स है। दवा खाने वाले को निश्चय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए महीना के हिसाब से राशि दी जाती है। राशि मरीज के खाते में जाता है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा.दास ने कहा यदि बीमारी की पहचान हो जाती है तो अपना खाता नम्बर निबंधित करा ले। इससे समय पर पोषण की राशि उपलब्ध हो जाए।

प्रखंड----मरीज---मौत

औराई---0-----1

बंदरा--8------1

मोतीपुर---9---0

बोचहां---6----0

मुरौल----2----0

गायघाट---18---0

कांटी---15-----1

कटरा---9-----1

कुढनी---2----0

मडवन---4----0

मीनापुर---3---0

मुशहरी--25----0

पारु----10----1

साहेबगंज---3---0

सकरा---11----1

सरैया----9----0

जिला यक्षमा केन्द्र--400--1 

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