Sanskarshala: नकारात्मक प्रभाव डालने वाले इंटरनेट मीडिया इंफ्लुएंसर्स से बचकर ही रहें तो बेहतर

कुछ लोग सही और सकारात्मक जानकारी देकर समाज को दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे विचार जो समाज लोकतंत्र जनसमूह धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले इंफ्लुएंसर्स से बचने की जरूरत है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2022 02:14 AM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2022 02:15 AM (IST)
Sanskarshala: नकारात्मक प्रभाव डालने वाले इंटरनेट मीडिया इंफ्लुएंसर्स से बचकर ही रहें तो बेहतर
इंफ्लुएंसर्स की बाढ ने च‍िंंता बढा दी है। फोटो- स्‍वयं

अभिभावकों को हमेशा निगरानी करनी चाहिए

छात्रा अल्का कुमारी का कहना है कि वर्तमान समय में इंटरनेट मीडिया से समाज के प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में प्रभावित हो रहे हैं। खासकर बच्चों व युवा वर्ग पर इंटरनेट मीडिया के इनफ्लुएंसर्स अपनी छाप छोड़ते हैं। इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता के क्रम में अभिभावकों को इसकी निगरानी हमेशा करनी चाहिए कि बच्चे किससे प्रभावित हो रहे हैं। इस प्लेटफार्म पर प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में इंफ्लुएंर्सस की भूमिका निभाता है। हम इसपर कुछ भी लिखते हैं तो वह समाज में जाता है। उसके आधार पर लोग हमारी मानसिकता और सोच का आकलन करने लगते हैं। कई बार हम जिनसे प्रभावित होते हैं उनकी बातों को बिना सोचे समझे ही अमल करने लगते हैं। इसका दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है। ऐसे में हमें इंटरनेट मीडिया पर इंफ्लुएंसर्स का चुनाव करते समय यह ध्यान देना चाहिए कि वह नकारात्मक प्रभाव डालने वाला नहीं होना चाहिए। कुछ इंफ्लुएंसर्स अपनी भूमिका का बेहतर निर्वाह भी करते हैं।

इंटरनेट पर बीत रहा दैनिक जीवन का अधिकांश समय

छात्रा रितु चौधरी का मानना है कि बदलते समय के साथ हमारे व्यक्तिगत परिवर्तन से सामाजिक परिवर्तन पर भी काफी गहरा प्रभाव पड़ा है। लोग समाज के बीच रहने सुनने से ज्यादा खुद को सोशियोलाइज करना ज्यादा प्रभावी समझते हैं। यही कारण है कि हमारे दैनिक जीवन का अधिकांश समय इंटरनेट पर व्यतीत हो रहा है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म बच्चों को डिजिटल साक्षरता कौशल विकसित करने का एक बेहतर मंच है, लेकिन इस क्रम में बच्चे जाने अनजाने में कई गलत साइट्स या गलत लोगों से भी प्रभावित हो जाते हैं। इस प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आर्थिक लाभ के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करते हैं। गलत जानकारियों अथवा गलत पटकथा के साथ खुद को इनफ्लूएंसर्स के रूप में पेश करते हैं। हम इन्हीं चमक-धमक में उन्हें फालो करने लगते हैं। हमें ध्यान होगा कि किस प्रकार उनलोगों के गलत मार्ग पर चलकर बच्चे आनलाइन गेमिंग में पड़कर मानसिक तनाव का शिकार होते हैं। इसलिए आवश्यक है कि इंटरनेट मीडिया पर हम सही लोगों से प्रभावित हों।

नकारात्मक इंफ्लुएंसर्स से नहीं हों प्रभावित

छात्र गुलशन कुमार कहते हैं कि इंटरनेट मीडिया पर प्रत्येक व्यक्ति इनफ्लूएसर्स की भूमिका निभा रहा है। कुछ लोग सही और सकारात्मक जानकारी देकर समाज को दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे विचार जो समाज, लोकतंत्र, जनसमूह, धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले इंफ्लुएंसर्स से बचने की जरूरत है। ऐसे प्रभावी तत्व जो जातिसूचक, धर्मसूचक शब्दों का जिक्र कर समाज को प्रभावित करना चाह रहे हों। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रहनी चाहिए। इंटरनेट मीडिया पर इनफ्लुएंसर्स के शब्दों को पहचानने का दायित्व शिक्षित वर्ग का है। यह इनफ्लुएंसर्स की पहचान कर सत्यापित करे कि उनकी ओर से दी गई जानकारी सही है या नहीं।

ख्याति के आधार पर नहीं करें इंफ्लुएंसर्स का चयन

छात्र पंकज कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में युवा व किशोर अत्यधिक समय इंटरनेट मीडिया पर बीता रहे हैं। विद्यार्थी अब किताबों में समस्या का हल ढूढ़ने की जगह इंटरनेट मीडिया का सहारा लेने लगे हैं। ऐसे में इस प्लेटफार्म पर एक बड़ा वर्ग इन विद्यार्थियों, युवाओं और बच्चों को अपने फालोअर बने रहे हैं। इनकी ओर से ऐसी सामग्री परोसी जा रही है जिससे ये लोग उनकी बातों में आ रहे हैं। ये पैसे लेकर ऐसे सामग्री की ब्रांडिंग कर रहे हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदायक है। इंटरनेट मीडिया पर बच्चों को प्रभावित करने के लिए तरह-तरह के पेड गेम्स और ओटीटी प्लेटफार्म का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। बच्चे कई बार इसका जिद कर बैठते हैं। इसका कारण यह है कि वे इंटरनेट मीडिया पर इंफ्लुएंसर्स से प्रभावित हो जाते हैं। उनकी बातों में आकर कई बार बड़ा नुकसान भी हो जाता है।

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