बिना नाम के विदा हो गया दुधमुंहा

दो माह पहले ही उसका जन्म हुआ था। नामकरण तक नहीं हुआ था। परिवार के लोग उसके लिए कुछ अच्छा नाम सोच ही रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

By Edited By: Publish:Tue, 26 Jul 2016 02:03 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jul 2016 02:03 AM (IST)
बिना नाम के विदा हो गया दुधमुंहा

मुजफ्फरपुर। दो माह पहले ही उसका जन्म हुआ था। नामकरण तक नहीं हुआ था। परिवार के लोग उसके लिए कुछ अच्छा नाम सोच ही रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसकी तबीयत नासाज थी। इलाज के बाद मुजफ्फरपुर से अपनी मां के साथ लौट रहा था। हादसे में उसकी भी मौत हो गई। वह बिना नाम के ही इस दुनिया से विदा हो गया। सूई देने के लिए डॉक्टर ने उसके हाथ में इंटराकेट लगाया था उसके बैंडेज तक नहीं हटा था। बात हो रही है रजिया खातून उर्फ गिन्नी खातून के पुत्र की। उसके एक अन्य पुत्र 4 वर्षीय मुकद्दस की भी मौत हो गई। रजिया भी मौत का शिकार बनी। घर पर रहने के कारण उसकी मात्र एक बेटी तसौब्बर बच गई।

दो पोते, दो नाती व एक पुत्री को खोने का गम

हादसे ने रून्नीसैदपुर थाना के मौना गांव के मो.तौहिद के परिवार को बिखेर दिया। एक साथ उनके परिवार के पांच लोग इस हादसे में मौत का शिकार बने तो दो गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। उनके दो पोते शाहिल व सरताज, दो नाती मुकद्दस व एक जिसका अभी नाम तक नहीं रखा गया थे। बेटी रजिया सहित दोनों नाती-पोते इस हादसे में मौत का शिकार बन गए हैं। मो.तौहिद विशेष कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। बस इतना ही कह पाते हैं कि उनके परिवार के पांच लोग मारे गए हैं। पत्‍‌नी रइसा खातून व बहू शबाना खातून गंभीर रूप घायल होकर जीवन मौत से जूझ रही हैं। पूरा परिवार ही बिखर गया गया। अब क्या बोलूं।

अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे उनके भाई मौना के सरपंच मो.निजामुद्दीन कहते हैं कि रजिया ससुराल वालों से प्रताड़ित होकर मायके में रह रही थी। उसकी शादी सीतामढ़ी जिला के पोसुआ पटनिया में हुई थी।

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