आवश्यक संसाधन उपलब्ध फिर भी सुविधाएं मयस्सर नहीं
जिला मुख्यालय से 30 किमी व प्रखंड मुख्यालय से 20 किमी दूरी पर अवस्थित बोचहा प्रखंड की नरमा पंचायत में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं।
मुजफ्फरपुर। जिला मुख्यालय से 30 किमी व प्रखंड मुख्यालय से 20 किमी दूरी पर अवस्थित बोचहा प्रखंड की नरमा पंचायत में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। बावजूद यहा की जनता को प्रशासनिक विफलताओं के कारण सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो या प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय या दूरभाष केंद्र सभी मृतप्राय हैं। वर्ष 1982 में यहा बिजली आई थी, लेकिन आज भी सरकार का दावा हर घर बिजली नरमा गोढि़या परती टोला में दम तोड़ता नजर आ रहा है। महेंद्र भगत के मुताबिक इस टोले में सभी घर में मीटर लगाकर छोड़ दिया गया। कुछ महीने पहले एलटी लाइन का तार बदला जा रहा था लेकिन संवेदक ने कार्य पूरा नहीं किया। इस कारण आए दिन स्थानीय फॉल्ट लगता है। कृषि आधारित इस पंचायत में तीन राजकीय नलकूप हैं लेकिन नाला ध्वस्त हो जाने से फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है। अनिल कुमार झा का कहना है कि गत वर्ष नाला निर्माण हुआ लेकिन सभी ध्वस्त हो गए। निजी नलकूप के लिए किसानों ने कनेक्शन हेतु आवेदन दिया लेकिन अबतक विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सरकार का कहना है कि दिसंबर तक हर किसान को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। जिन किसानों ने कनेक्शन लिया है, वे बास-बल्ले के सहारे मोटर चला रहे हैं। मुखिया कहती हैं कि राजकीय नलकूप संख्या तीन को चालू करवा दिया गया है जिससे डिलेवरी पाइप से सिंचाई कर रहे हैं। शेष दोनों को भी चालू कराने हेतु प्रयासरत हैं। कहने के लिए इस पंचायत में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल है। मात्र दो एएनएम के सहारे स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। जबकि इस अस्पताल का चयन आयुष्मान भारत के तहत हुआ है। चिकित्सक के सृजित दोनों पद रिक्त हैं। विशेष परिस्थिति में मरीज को जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। यही हाल प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय का भी है। चिकित्सक के अभाव में सफेद हाथी साबित हो रहा है। 1980 में नरमा में स्थापित विष्णुदेव नारायण सिंह इंटर कॉलेज प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से बदहाल बना है। बिना वेतन ही शिक्षक व कर्मी रिटायर होते जा रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। वैसे तो पंचायत में सात मध्य विद्यालय है, लेकिन मात्र दो की व्यवस्था कुछ हद तक दुरुस्त है। शेष विद्यालयों का कार्य केवल खिचड़ी परोसने तक ही सीमित है। गुणवत्तापुर्ण शिक्षा की बात ही बेमानी है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत 16 वार्ड में से 12 वार्ड के लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जा रही है। वहीं तीन वार्ड में कार्य प्रगति पर है। इन वाडरें में जलापूर्ति हेतु पाइप लाइन बिछाई जा रही है। लेकिन वार्ड नौ में 2016-17 की नल जल योजना अबतक पूरी नहीं हुई है। इससे उस वार्ड के निवासी के लिए स्वच्छ पेयजल अभी सपना ही है। बता दें कि कोष से सारे पैसे की निकासी हो गई है। वहीं चौपाल में भारी बारिश से गाव में जलजमाव की समस्या निजात पर चर्चा हुई जिसमें नाला निर्माण में आ रही समस्याओं पर चर्चा के दौरान मुखिया ने बताया कि सरकार से सोख्ता निर्माण की अनुमति मागी गई है। अनुमति मिलते ही घनी बस्ती में जलजमाव वाली सड़कों के किनारे सोख्ता निर्माण किया जाएगा ताकि जलजमाव से मुक्ति के साथ ही जल संरक्षण का भी कार्य होगा।
पंचायत एक नजर
इंटर कॉलेज 1
उच्च विद्यालय 1,
मध्य विद्यालय 7
अति. प्रा. स्वास्थ्य केंद्र 1
प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय 1,
बैंक शाखा 2
दूरभाष केंद्र 1,
उपडाकघर 1
जल संरक्षण को किया जा रहा जागरूक : मुखिया रामदुलारी देवी अबतक पंचायत में तीन हजार फीट पीसीसी एवं सोलिंग कार्य हुआ है। नरमा पश्चिमी व डीह टोला में बची सड़कों का पक्कीकरण अगले वित्तीय वर्ष में हो जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ योग्य लाभुकों को दिया जा रहा है। जल्द हीं समस्त पंचायतवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो जाएगा। जल संरक्षण के तहत लोगों को सोख्ता निर्माण हेतु प्रेरित किया जा रहा है। आदर्श पंचायत बनाने की हरसंभव कोशिश कर रही हूं। चौपाल में हुए शामिल
विभूति कुमार, राकेश कुमार, भोला प्रसाद, नवीन कुमार, भुनेश्वर शर्मा, चंदेश्वर राम, बालमुकुंद शर्मा, प्रभाकर शर्मा, राजेश कुमार, सुधीर कुमार आदि।