पटना SSP व मोतिहारी SSP लोकसभा विशेषाधिकार हनन समिति में कल होंगे पेश, जनिए क्या है मामला

East Chamapran News मामला लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ पर हमला मामले में भाजपा सांसद पर जारी वारंट का। इसे लेकर पटना एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा व जिले के एएसपी शैशव यादव को लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति ने नोटिस भेजकर गुरुवार को मुख्यालय तलब किया है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 07:00 PM (IST)
पटना SSP व मोतिहारी SSP लोकसभा विशेषाधिकार हनन समिति में कल होंगे पेश, जनिए क्या है मामला
(प्रतीकात्मक तस्वीर) भाजपा सांसद पर जारी वारंट का है मामला

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के दौरान घोड़ासहन थाना क्षेत्र के सेखौना गांव स्थित मतदान केन्द्र संख्या 162 व 163 पर सांसद सह वर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल पर हुए हमले के मामले में उनके खिलाफ ही गिरफ्तारी का वारंट जारी होने को लेकर तत्कालीन एसपी सह वर्तमान पटना एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा व जिले के एएसपी शैशव यादव फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति ने नोटिस भेजकर गुरुवार को मुख्यालय तलब किया है। अधिकारीद्वय को नोटिस प्राप्त हो चुकी है।

ये है मामला

मिली जानकारी के अनुसार 12 मई 2019 को सेखौना गांव के बूथ पर मतदान रोके जाने की सूचना पर भाजपा प्रत्याशी सह सांसद डॉ. संजय जायसवाल वहां पहुंचे थे। तब वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ ने उनपर हमला कर उन्हें बूथ पर ही बंधक बना लिया गया था। स्थिति की भयावहता को देखते हुए सांसद के अंगरक्षकों को जान बचाने के लिए आत्मरक्षार्थ फायरिंग भी करनी पड़ी थी। घटना की सूचना पर पहुंचे डीएसपी ने किसी प्रकार उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला था व सदर अस्पताल लाया था। इसको लेकर दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। दूसरे पक्ष के शेख तैयब ने डॉ. जायसवाल सहित नौ लोगो पर चुनाव के दौरान हिंसा भडकाने व मारपीट की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

 इसी मामले में अनुसंधानकर्ता मुख्यालय डीएसपी शैशव यादव ने तैयब के केस को सत्य पाते हुए सांसद सहित नौ लोगों के खिलाफ 08 दिसंबर 2019 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। तब तत्कालीन पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र कुमार शर्मा ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए 13 बिन्दुओं पर फिर से जांच का आदेश दिया था और जांच तक आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इस मामले में सांसद सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने लोकसभा में इसको लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया था। तत्कालीन एसपी सह पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने दूरभाष पर बताया कि यह आपराधिक मामला था, जिसमें गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था। फिर सांसद द्वारा आवेदन मिलने पर गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच का आदेश दिया गया था।

लोकसभा की प्रोसेडिंग से रोकने की थी बड़ी साजिश : डॉ. संजय

पश्चिम चम्पारण के सांसद सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि उनके खिलाफ यह एक बहुत बड़ी साजिश थी। आपराधिक इतिहास नहीं होने के बाद भी अपराधी बनाने की साजिश की गई। हमला मुझपर हुआ और बिना हमरा पक्ष लिए मुझे ही अपराधी बना दिया गया। मेरी संसद की सदस्यता छीनने की कोशिश की गई। लोग मुझसे इस्तीफा मांगने लगे। वारंट की टाइमिंग भी सेट थी। रविवार को मेरे उपर वारंट जारी हुआ और दूसरे दिन सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग में भाग लेने की नियमानुसार बाध्यता थी। ऐसे में हमारी सदस्यता ही छीनने की पूरी साजिश रची गई थी।

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