बिहार की जेलों में अब गूंजेंगे पढ़ाई प्रार्थना और संगीत के स्वर

बंदियों में सुधार व मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कराया जाएगा व्यायाम। जेल आइजी ने सूबे के सभी सेंट्रल जेल मंडल कारा व उप कारा के अधीक्षकों को भेजा पत्र।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 08 Apr 2019 05:17 PM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 05:17 PM (IST)
बिहार की जेलों में अब गूंजेंगे पढ़ाई प्रार्थना और संगीत के स्वर
बिहार की जेलों में अब गूंजेंगे पढ़ाई प्रार्थना और संगीत के स्वर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सूबे के सभी जेल में एक घंटे की पढ़ाई, सामूहिक प्रार्थना, व्यायाम व शाम में संगीत के कार्यक्रम का आयोजन होगा। बंदियों में सुधार व कल्याण को लेकर इस तरह के कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। इस संबंध में जेल आइजी मिथिलेश मिश्र ने सूबे के सभी सेंट्रल जेल, मंडल कारा व उपकारा अधीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है।

 यह कार्यक्रम कारा एवं सुधार सेवाएं नियोजनालय की तरफ से किया जाएगा। इसके तहत बंदियों को जेल में रहने के दौरान सुबह में सामूहिक व्यायाम, फिर पुस्तकालय में एक घंटे की पढ़ाई, प्रार्थना व शाम में संगीत के कार्यक्रम में शामिल होना होगा। जहां पर ज्यादा संख्या बंदियों की है, वहां पर छोटे-छोटे समूह बनाकर इसका संचालन कराने को कहा गया है। उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को तत्काल इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत करने को कहा है। साथ ही संसाधन नहीं रहने पर क्रय कर शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

 इसके आलोक में अमर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में इसे शुरू करने की कवायद में जेल अधीक्षक जुट गए हैं। दूसरी ओर पत्र में यह भी कहा गया कि गैरसरकारी संगठनों के माध्यमों से समय-समय पर धार्मिक प्रवचन व योगचर्चा का भी आयोजन हो। बंदियों के कल्याण व मुख्य धारा में शामिल कराने को लेकर ये सभी कार्यक्रम के आयोजन होंगे। इससे बंदियों में क्या बदलाव आए इसकी अद्यतन मासिक प्रतिवेदन भी मुख्यालय को भेजने को कहा गया है।  

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