West Champaran News: नरकटियागंज-भिखनाठोरी रेलखंड बाधित, थरुहट की बढ़ी समस्या

Narkatiaganj Bhikhanathori railway block disrupted पहले फेज में अमोलवा तक जल्द परिचालन का आश्वासन भी ठंडे बस्ते में। 16 अप्रैल 2015 को रेलखंड पर बंद किया गया था ट्रेनों का परिचालन। विभागीय पेच उपेक्षा व ध्यान नहीं देने से निर्माण कार्य दो वर्ष बाद शुरू हुआ।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 11:33 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 11:33 AM (IST)
West Champaran News: नरकटियागंज-भिखनाठोरी रेलखंड बाधित, थरुहट की बढ़ी समस्या
नरकटियागंज - भिखनाठोरी रेलखंड बाधित (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। नरकटियागंज-भिखनाठोरी रेलखंड में आमान परिवर्तन के लिए पांच साल पहले परिचालन स्थगित रखने का निर्णय अब भारी पडऩे लगा है। निर्माण कार्य के लिए 16 अप्रैल, 2015 को इस रेलखंड पर परिचालन बंद किया गया था। विभागीय पेच, उपेक्षा व ध्यान नहीं देने से निर्माण कार्य दो वर्ष बाद शुरू हुआ। काम शुरू भी हुआ तो तेजी नहीं दिखी। लिहाजा कई मोर्चे पर काम लंबित पड़ा रहा। बाद में आवाज उठी तो अधिकारियों का निरीक्षण शुरू हुआ। स्थानीय रेल अधिकारियों का कहना है कि अमोलवा स्टेशन तक आमान परिवर्तन का कार्य पूरा है। वहां तक मालगाड़ी से स्टोन आदि गिराए जा रहे हैं।

रेलवे ने इसी साल के अप्रैल में नरकटियागंज से अमोलवा तक ट्रेन दौड़ाने का आश्वासन दिया था। लेकिन, काम की गति तेज नहीं रहने से समय-सीमा बढ़ती चली गई। इस रेलखंड के बाधित रहने से सर्वाधिक दिक्कत थरुहट इलाके के लोगों को है। उनके सामने सुगम और सस्ती रेलयात्रा का विकल्प नहीं मिल रहा। लिहाजा, भितिहरवा, गौनाहा, भिखनाठोरी इलाके के लोगों को सड़क मार्ग से आना-जाना पड़ता है। यह महंगा और असुविधाजनक भी है।

पर्यटकों को भी उठाना पड़ रहा कष्ट

भितिहरवा गांधी आश्रम के नाम पर खुले स्टेशन को लोग मॉडल स्टेशन के रूप में देखना चाहते हैं। गांधीवादी विचारक और श्रीरामपुर निवासी अनिरुद्ध प्रसाद चौरसिया का कहना है कि दो अक्टूबर, 2004 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद के समक्ष भितिहरवा में यह प्रस्ताव रखा गया था। गांधी आश्रम के अलावा आसपास कई पर्यटन स्थल हैं। वहां तक पर्यटकों को पहुंचने के लिए यह स्टेशन सबसे सुगम है। लेकिन, रेलवे का परिचालन कब शुरू करेगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं है। इस मामले में रेलवे और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्राचार किया गया है।

इस बारे में नरकटियागंज के पीडब्ल्यूआइ सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि करोना को लेकर आमान परिवर्तन कार्य की गति थोड़ी कम हुई है। लेकिन, नये वर्ष में नरकटियागंज- गौनाहा तक रेलखंड का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। अमोलवा तक आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर लिया गया है।

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