बिहार विवि में सत्र नियमित करने की दिशा में नहीं हो रही पहल, एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार एक भी कार्य नहीं

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र को नियमित कर ट्रैक पर लाने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी किया गया खुद का एकेडमिक कैलेंडर भी फॉलो नहीं किया जा रहा है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 12:38 PM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 12:38 PM (IST)
बिहार विवि में सत्र नियमित करने की दिशा में नहीं हो रही पहल, एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार एक भी कार्य नहीं
बिहार विवि में सत्र नियमित करने की दिशा में नहीं हो रही पहल।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र को नियमित कर ट्रैक पर लाने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी किया गया खुद का एकेडमिक कैलेंडर भी फॉलो नहीं किया जा रहा है। इस कारण पीजी का सत्र एक साल विलंब से चल रहा है। कोरोना के कारण विलंब को माने तो इसके बाद भी अभी सत्र 2020-22 में नामांकन की प्रक्रिया होनी चाहिए थी। लेकिन अभी 2019-21 में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हुई है।

 वहीं दूसरी ओर स्नातक में 2020-23 के लिए नामांकन लिया गया है। वहीं वोकेशनल कोर्स भी बे पटरी हैं। एलएस कॉलेज में संचालित बीएमसी कोर्स में एक साथ दो-दो प्रथम वर्ष के छात्र परीक्षा के लिए बाट जोड़ रहे हैं। सत्र नियमित करने को लेकर राजभवन की ओर से सख्त दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि मार्च से पूर्व हर हाल में सभी परीक्षाएं संचालित करा कर उनका परिणाम जारी कराना सुनिश्चित करें। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। इससे यहां अध्ययनरत करीब तीन लाख छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।

वोकेशनल में सामान्य से 10 गुना अधिक फी, फिर भी ध्यान नहीं 

बिहार विश्वविद्यालय की ओर से सुनें कॉलेजों में संचालित विभिन्न वोकेशनल कोर्स में सामान्य कोर्स की अपेक्षा 10 गुना अधिक से लिया जाता है। न्यूनतम 30 से 35 हजार रुपये 3 वर्ष के लिए छात्रों से लिए जाते हैं। लेकिन उनका परिणाम 4 वर्ष से पहले जारी नहीं हो पाता इस कारण छात्र रोजगार के लिए भी भटकते हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार कहते हैं कि कॉलेजों की ओर से और सहयोग किया जा रहा है इसके कारण सत्र को नियमित करने में परेशानी हो रही है। कॉलेज समय से रजिस्ट्रेशन तक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इसके लिए कई बार रिमाइंडर भेजना पड़ता है। कहा कि यदि कॉलेजों की ओर से बेहतर सहयोग मिला तो मार्च तक सभी परीक्षाएं संचालित करा दी जाएंगी साथ ही परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा।

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