दरभंगा के श्यामा माई काली मंदिर समेत उत्तर बिहार के चार मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होंगे विकसित, इस स्तर पर चल रही तैयारी

मुजफ्फरपुर का चामुंडा स्थान दरभंगा का श्यामा काली मंदिर बेतिया का कालीबाग एवं वाल्मीकिनगर का सोमेश्वर मंदिर प्रसाद योजना में शामिल। केंद्रीय पर्यटन विभाग के पत्र के आलोक में राज्य सरकार ने जिले के डीएम से मांगी स्थलों की रिपोर्ट।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 09:52 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 09:52 AM (IST)
दरभंगा के श्यामा माई काली मंदिर समेत उत्तर बिहार के चार मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होंगे विकसित, इस स्तर पर चल रही तैयारी
इन स्थलों में पर्यटन की संभावना का पता लगाया जाएगा। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। देश के ऐतिहासिक महत्व के धार्मिक एवं तीर्थस्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना में बिहार के भी चार मंदिर शामिल हैं। ये चारों मंदिर उत्तर बिहार के हैं। केंद्र सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) योजना से इन्हें विकसित किया जाएगा। पर्यटन आकर्षण बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना शुरू की है। इससे रोजगार सृजन होने के साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा। देश के कुल 70 तीर्थस्थलों को योजना में शामिल किया गया है।

प्रसाद योजना में मुजफ्फरपुर के कटरा का चामुंडा स्थान, दरभंगा का श्यामा काली मंदिर, बेतिया का कालीबाग एवं वाल्मीकिनगर का सोमेश्वर मंदिर शामिल है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार से इन मंदिरों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके आलोक में राज्य के पर्यटन विभाग के अपर सचिव कंवल तनुज से संबंधित जिले के डीएम से सभी मंदिरों के बारे में पर्यटकीय मापदंडों की जानकारी अविलंब उपलब्ध कराने को कहा है। इसमें इन स्थलों में पर्यटन की संभावना, आधारभूत संरचना, परिवहन, सरकार द्वारा तैयार संरचना आदि का भी उल्लेख करना है।

सोमेश्वर मंदिर, वाल्मीकिनगर

वीटीआर के गोबद्र्धना जंगल के बीच सोमेश्वर पहाड़ पर यह मंदिर है। यहां कालका देवी और भर्तृहरि कुटी से लाखों श्रद्धालुओं के गहरी आस्था जुड़ी थी। इसे पर्यटन स्थल बनाने से क्षेत्र का और विकास होगा।

कटरा चामुंडा मंदिर, मुजफ्फरपुर

कटरा प्रखंड मुख्यालय से महज 100 गज की दूरी पर स्थित यह मंदिर लगभग 80 एकड़ में फैला है। माता चामुंडा का भव्य मंदिर आस्था का केंद्र है। देवी का स्वरूप ङ्क्षपडनुमा है। इस स्थल को लोग शक्तिपीठ मानते हैं। मंदिर की देखभाल न्यास बोर्ड की कमेटी करती है।

कालीबाग मंदिर, बेतिया

बेतिया के मध्य में स्थित कालीबाग मंदिर का निर्माण 1676 में कराया गया था। 13 एकड़ भूमि वाले परिसर में छह एकड़ में मंदिर है। इसके बीच में एक पोखर भी है। मंदिर परिसर में फूलों का एक बाग भी था। बेतिया राज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद व्यास ने बताया कि कालीबाग मंदिर के दक्षिण की ओर महारानी का राजमहल था। मंदिर के मुख्य द्वार पर अष्ट भैरव की मूृर्ति और बाईं तरफ पंचवाहन मंदिर है।

श्यामा काली मंदिर, दरभंगा

दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने अपने पिता तांत्रिक व शक्ति के प्रबल उपासक महाराज रामेश्वर सिंह की चिता भूमि पर वर्ष 1933 में मां श्यामा काली मंदिर की स्थापना की थी। मां श्यामा की आदमकद प्रतिमा भगवान शिव की छाती पर है। मां श्यामा के बगल में गणेश, बटुक भैरव व काल भैरव की प्रतिमाएं हैं।  

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