PM Narendra Modi Samastipur Rally: सरदार पटेल के बहाने कांग्रेस को फिर घेरा, जानिए जयंती पर याद नहीं करने के लिए क्या कहा?

PM Narendra Modi Samastipur Rally प्रधानमंत्री ने समस्तीपुर की सभा में विपक्षी दलों पर हमले किए। कांग्रेस का नाम लेकर उसे एक परिवार की पार्टी करार दी। कहा इसे अपने और परिवार के लोगों के अतिरिक्त और कोई भी पसंद नहीं। भले ही वे सरदार पटेल ही क्यों न हों।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 02:49 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 02:49 PM (IST)
PM Narendra Modi Samastipur Rally: सरदार पटेल के बहाने कांग्रेस को फिर घेरा, जानिए जयंती पर याद नहीं करने के लिए क्या कहा?
प्रेक्षकों का मानना है कि पीए मोदी जनभावना के अनुसार अपना संबोधन करते हैं।

समस्तीपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने तूफानी चुनावी दौरे के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस को ा आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसे एक परिवार की पार्टी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस वालों ने हमेशा से अपने परिवार के विकास की चिंता की है। यही वजह है कि जो उनके परिवार से नहीं आता, वे उसे भूला देते हैं। समस्तीपुर के जितवारपुर हाउसिंग बोर्ड मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल भाजपा, आरएसएस या संघ के नेता तो नहीं थे। वे कांग्रेसी थी, बावजूद उन्हें याद करना कांग्रेस के युवराज को पसंद नहीं। 

अपने खास अंदाज में मोदी ने उपस्थित लोगों से पूछा कि क्या सरदार पटेल ने देश को एक किया या नहीं ? पूरा जीवन देश के लिए लगाया, वे कांग्रेस के थे, फिर भी कांग्रेस ने कल उनकी जयंती पर स्मरण नहीं किया। वे मां भारती के लाल थे। फिर भी परिवारवाद में वे भुला दिए गए। इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया। ये सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। बड़ी-बड़ी गाडि़यों के काफिले बने। ये अपने परिवार का विकास करते रहे।

यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी पीएम ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस की इस बात के लिए आलोचना की है कि उसने सरदार पटेल को वह सम्मान नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए। खासकर आजादी के बाद देसी रियासतों को एक करने के उनके काम को लोग बहुत सम्मान के साथ याद करते हैं लेकिन, उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जा रहा। संसद से लेकर सभाओं को पीएम ने इस विषय पर कांग्रेस को घेरा है। रोचक यह है कि कभी कांग्रेस ने इस मुद्​दे पर अपना बचाव भी नहीं करती। प्रेक्षकों का मानना है कि पीए मोदी जनभावना के अनुसार अपना संबोधन करते हैं। वे कहते हैं कि माेदी काे इस बात की जानकारी है कि समाज में यह अवधारणा है कि यदि नेहरू न होते सरदार ही देश के पहले प्रधानमंत्री बनते और फिर देश का विभाजन भी नहीं होता। उसी तरह से नेहरू और सरदार के संबंधों को लेकर भी कुछ भ्रांतियां और कुछ हकीकत लोगों के बीच हैं। उसके पोषण के लिए पीएम मोदी सरदार राग को छेड़ना नहीं भूलते।  

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