West Champaran : परदेस जाने वाले अब करा रहे टिकट कैंसिल, आने वालों की बढ़ी तादाद
Bihar News कोरोना संक्रमण की वजह से बाहर जाने वालों की संख्या में काफी कमी आई है। ट्रेनों को टिकट लोग कैंसिल करा रहे हैं। होली में बाहर से घर आए लोग अब कोराेना की वजस से सहम सा गए हैं।
पश्चिम चंपारण, जासं। कोरोना संक्रमण की वजह से उत्तर बिहार से बाहर जाने वाले लोग अब तेजी से ट्रेनों का रिजर्वेशन कैंसिल करा रहे हैं। वहीं बाहर से आने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। कुछ दिनों पहले तक किसी भी ट्रेन में दिल्ली, मुंबई या अन्य बड़े शहरों मं जाने के लिए के लिए रिजर्वेशन खाली नहीं था, लेकिन कोरोना के भय से लोग अब परदेश जाने से कतराने लगे हैं। होली पर परदेस से तमाम लोग घर लौटे। जिसमें से कई लोग त्योहार के बाद वापस जाने के लिए रिजर्वेशन भी करा चुके थे। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर आ गई। जिसका खौफ लोगों में इस कदर व्याप्त हो गई है कि लोग बाहर जाना नहीं चाहते। पिछले साल की दुर्दशा व परेशानी भी अभी भूले नहीं हैं। इसके चलते रेलवे स्टेशन पर टिकट कैंसिल कराने वालों की संख्या बढ़ गई है।
बगहा स्टेशन पर खड़े पतिलार के अशोक कुमार, नगर की विभा अग्रवाल, हरदी नदवा निवासी कैलाश प्रसाद आदि ने कहा कि वे लोग पिछले कई वर्षों से सपरिवार परदेस में रहकर काम करते हैं। होली में घर आए थे। उनका वापसी टिकट पहले से बन गया था। लेकिन, मुंबई, दिल्ली और गुजरात सहित अन्य जगहों पर कोरोना के दूसरी लहर का खौफ है कि लोग परदेश जाने से कतराने लगे हैं। करीब आधा दर्जन लोगों ने बताया कि उनका टिकट कैंसिल करा लिया गया है। बुङ्क्षकग सुपरवाइजर जमील अहमद ने बताया कि पहले की अपेक्षा टिकट कैंसिल कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
रेलवे स्टेशन पर जांच के दौरान चार संक्रमित मिले, हड़कंप
बगहा-नरकटियागंज रेलखंड पर सोमवार को बांद्रा टर्मिनल से चलकर एक स्पेशल गाड़ी सुबह बगहा पहुंची। जिससे करीब दर्जनभर यात्री यहां उतरे। वहीं प्रतिदिन चलने वाली अवध एक्सप्रेस भी बांद्रा से ही आती है। जिसमें आधा दर्जन करीब यात्री बगहा पहुंचे। स्वास्थ्यकर्मियों की टीम द्वारा इसके अलावे आनंद बिहार से आने वाली सत्याग्रह व सप्तक्रांति के यात्रियों की भी जांच की गई। इसमें कुल चार व्यक्ति संक्रमित पाए गए। संक्रमितों को उचित दवा देते हुए होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई। कोरोना के बिगड़ते हालात पर काबू पाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा महाराष्ट्र, दिल्ली व गुजरात आदि से आने वाले प्रवासियों के लिए स्पेशल गाड़ी चलाई जा रही है ताकि कोरोना के संक्रमण से आम लोगों को बचाने के साथ उनको सुरक्षित घर तक पहुंचा दिया जाय। तरुअनवां के महेंद्र कुमार, कौशल चंद्र काजी, दीपेश कुमार, चंद्रभान कुशवाहा आदि ने बताया कि वहां पर कोरोना का कहर बढ़ गया है। लोग संक्रमित होने लगे हैं। स्थिति की भयावहता को देखते हुए हम लोगों ने घर वापस आ जाना मुनासिब समझा।
नौतनवां निवासी रंजन कुमार, विवेक उरांव, सोहन उरांव आदि ने कहा कि काम बंद होने की स्थिति बन रही थी। कंपनी के मालिकों द्वारा हमको घर जाने की सूचना दी गई। नहीं जाने पर डेरा खाली करने के साथ पैसा नहीं देने की बात कही गई। मालिक का आदेश सुनते ही पिछला साल याद आने लगा। हमलोगों ने जल्दी घर पहुंचना उचित समझा अत: वापस लौट आए। योगापट्टी लौरिया निवासी चंद्रमोहन ठाकुर, जय प्रकाश चौधरी विजेंद्र ठाकुर आदि ने कहा कि कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए पिछले साल की कहानी याद आने लगी। परिस्थिति भयावह हो उससे पहले घर वालों ने लौट आने का सुझाव दिया। उपरोक्त सभी लोग महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में काम कर रहे थे। बगहा दो पीएचसी के नोडल पदाधिकारी डॉ. रणवीर ङ्क्षसह ने बताया कि शहरी पीएचसी व रेलवे स्टेशन में 38 व्यक्ति का आरटीपीसीआर व 79 लोगों का रैपिड एंटीजेन प्रणाली से जांच किया गया। जिसमें स्टेशन पर विभिन्न गाडिय़ों से चार व्यक्ति संक्रमित पाए गए।