मंदिर की छत पर अभ्यास कर बने बॉक्सिंग चैंपियन, अभाव में हासिल किया मुकाम

यहां न इंडोर स्‍टेडियम है और न ही रिंग। मुक्‍केबाज मंदिर की छत पर ही अभ्‍यास करते हैं। सुविधाओं के बावजूद युवाओं ने मुकाम हासिल किया है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 08 Mar 2018 09:28 AM (IST) Updated:Fri, 09 Mar 2018 11:42 PM (IST)
मंदिर की छत पर अभ्यास कर बने बॉक्सिंग चैंपियन, अभाव में हासिल किया मुकाम
मंदिर की छत पर अभ्यास कर बने बॉक्सिंग चैंपियन, अभाव में हासिल किया मुकाम

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। एक-दूसरे पर दनादन मुक्के बरसाने की छूट, पर नियमों के दायरे में रहकर। खबड़ा शिव मंदिर की छत पर प्रतिदिन यह दृश्य आम है। मंदिर की घंटी के साथ जिले के युवाओं के मुक्के की गूंज शहर से निकलकर पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है। मुक्केबाजी रिंग के अभाव में मंदिर की छत पर ही अभ्यास कर दो दर्जन युवा सफलता की उड़ान भर रहे हैं। 

जिले में बॉक्सिंग ट्रेनिंग के लिए व्यवस्था नहीं होने पर कुछ युवाओं ने वर्ष 2008 में खबड़ा स्थित शिव मंदिर में मुजफ्फरपुर बॉक्सिंग क्लब की स्थापना की। जूनियर नेशनल चैंपियन रह चुके स्थानीय युवा व कोच रणवीर कुमार 'अमर' ने प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने मंदिर की छत पर ही ट्रेनिंग देनी शुरू की। उसी साल क्लब को बिहार बॉक्सिंग एसोसिएशन से मान्यता के साथ राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता की मेजबानी भी मिल गई।

पहले ही साल छत पर अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों ने दो स्वर्ण एवं तीन रजत पदक जीत इतिहास रच दिया। इसके बाद तो खिलाडिय़ों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक हर साल पदक जीत रहे हैं। रणवीर को अब सहायक कोच बबलू की मदद मिल रही है। खिलाडिय़ों की संख्या भी बढ़कर तीन दर्जन से अधिक हो गई है।

सुविधा मिले तो राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे नाम

प्रशिक्षक रणवीर कुमार कहते हैं कि जिले के युवाओं में अपनी प्रतिभा बांटने की चाहत हुई। महंगे ङ्क्षरग की व्यवस्था संभव नहीं थी तो घर के पास शिव मंदिर की छत पर जगह मिली। एक दर्जन स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया और अभ्यास शुरू कराया। क्लब की स्थापना की। बॉक्सिंग संघ का सहयोग मिला। अगर सुविधा मिले तो हम राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।

इन खिलाडिय़ों ने जीते पदक

-बाबूलाल पासवान : राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व, राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2008, 2009, 2010 में कांस्य, 2011 में स्वर्ण, 2014, 15 एवं 16 में कांस्य पदक

-रितेश कुमार : स्कूली स्टेट बॉक्सिंग 2016 में स्वर्ण एवं 2017 में कांस्य पदक

-गौतम : राज्य बॉक्सिंग 2016 में रजत एवं 2017 में कांस्य पदक

-गौरव : स्कूली बॉक्सिंग 2016 व 2017 में स्वर्ण, राज्य बॉक्सिंग 2016 में रजत पदक

-विशाल : स्कूली बॉक्सिंग 2016 में स्वर्ण एवं राज्य बॉक्सिंग 2017 में स्वर्ण पदक

-निखिल : स्कूली बॉक्सिंग 2017 में स्वर्ण एवं राज्य बॉक्सिंग में कांस्य पदक

-सत्यम : राज्य बॉक्सिंग 2013 में रजत, 2014 में कांस्य, 2015 एवं 2016 में स्वर्ण पदक

-अभय कुमार : राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2015 में रजत एवं 2016 में स्वर्ण

-विकास कुमार : राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व, राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2009 में कांस्य, 2010 में रजत, 2011 में स्वर्ण, 2012 में कांस्य

-राकेश कुमार : राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2010 में कांस्य, 2011, 2012 में रजत, 2013 में कांस्य, 2014 में स्वर्ण। राज्य स्कूली बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2015, 2016 में स्वर्ण तथा 2017 में रजत पदक

- दीपांशु : राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2017 में रजत

-ईश्वरजीत : राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2008 में रजत, 2009 से 2013 तक लगातार स्वर्ण, 2014 में कांस्य पदक

-प्रशांत कुमार : राज्य बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2017 में कांस्य पदक

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