भारतीय बड़े नोटों को नेपाल के रास्ते दूसरे देश ले जाने पर भी लगा प्रतिबंध

नेपाल के केंद्रीय बैंक ने लगाया प्रतिबंध, पकड़े जाने पर जेल और आर्थिक दंड का प्रावधान। दो सप्ताह के अंदर उक्त भारतीय रुपये को राष्ट्र बैंक या अन्य माध्य्म से कर ले परिवर्तित।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 09:19 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 09:19 PM (IST)
भारतीय बड़े नोटों को नेपाल के रास्ते दूसरे देश ले जाने पर भी लगा प्रतिबंध
भारतीय बड़े नोटों को नेपाल के रास्ते दूसरे देश ले जाने पर भी लगा प्रतिबंध

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नेपाल के केंद्रीय बैंक ने देश में 2000, 500 और 200 रुपये के भारतीय नोटों को नेपाल के रास्ते दूसरे देशों में ले जाने पर भी रोक लगा दिया गया है। इसकी जानकारी विदेशी मुद्रा व्यवस्थापन विभाग कार्यकारी निदेशक भीष्मराज ढुंगाना ने दी। बताया कि नेपाली नागरिकों को भारत के अलावे अन्य देशों के विदेशी मुद्रा परिवर्तन के लिए या विदेशी मुद्रा के लिए परिवार के किसी भी सदस्य का पैन कार्ड देना अनिवार्य होगा।

भारतीय मुद्रा पकड़े जाने पर होगी कार्यवाई

अब नेपाल के रास्ते भारत के अलावे अन्य तीसरे देशों में आने जाने वाले पर्यटकों के पास भारतीय मुद्रा पकड़े जाने पर विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई होगा। इसके तहत जेल और आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। नेपाल राष्ट्र बैंक ने वित्तीय संस्था और अन्य बैंकों को सख्त निर्देश दिया है कि भारतीय एक सौ से अधिक यानि 200, 500 तथा 2000 हजार के रुपये पर प्रतिबंध लगा देने के बावजूद लेन देन करने वालों को चेतावनी दी है।

दो सप्ताह के अंदर कर ले परिवर्तित

दो सप्ताह के अंदर उक्त भारतीय रुपये को राष्ट्र बैंक या अन्य माध्य्म से परिवर्तित कर ले। नेपाल राष्ट्र बैंक ने भारतीय एक सौ और उससे कम का नोट ही बदलने का व्यवस्था किया है। बता दें की भारत में नोटबंदी के पूर्व भी भारतीय पांच सौ और एक हजार के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान भारत सरकार के पहल पर 25 हजार तक भारतीय 500 सौ और हजार के नोट ले जाने की छूट दी गई थी।

भारतीय पर्यटकों को रोकने की है साजिश

करीब दो वर्ष पूर्व हुए नोटबंदी के बाद नेपाल सरकार ने भारत सरकार से बातचीत कर बताया था कि नेपाल के बैंकों और नेपाली जनता के पास करीब 45 करोड़ भारतीय मुद्रा है। जिसे परिवर्तन करने का प्रस्ताव दिया था। भारत ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था।

 परंतु दो साल बाद भी इस पर सार्थक पहल नहीं होने से नेपाल सरकार ने सख्त कदम उठाया है। इसका असर नेपाल के सीमावर्ती बाजारों पर गंभीर रूप से पड़ा है। चर्चा है कि नेपाल के इस कदम से भारत-नेपाल रिश्ते पर असर पड़ेगा। अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय पर्यटकों को रोकने की साजिश है।

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