Sheohar: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी को लेकर सहायक अभियंता और कनीय अभियंता पर गिरी गाज

दैनिक जागरण में छपी खबर को सरकार ने लिया था संज्ञान में 16 मार्च को मुख्य अभियंता के नेतृत्व में पटना से आई राज्यस्तरीय टीम ने तरियानी पहुंचकर की थी मामले की जांच। ग्रामीण कार्य प्रमंडल शिवहर के सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद सिंह और कनीय अभियंता राजेश कुमार निलंबित।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 03:51 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 03:51 PM (IST)
Sheohar: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी को लेकर सहायक अभियंता और कनीय अभियंता पर गिरी गाज
शिवहर: वैद्यनाथपुर -तरियानी छपरा सड़क की ढलाई में बरती गई अनियमितता।

शिवहर, जासं। जिले के तरियानी प्रखंड में वैद्यनाथपुर-छपरा पथ में बरती गई अनियमितता मामले में ग्रामीण कार्य प्रमंडल शिवहर के सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद सिंह और कनीय अभियंता राजेश कुमार पर विभाग की गाज गिरी है। दोनों अभियंता को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं आरोप पत्र गठित कर उनके खिलाफ अलग से विभागीय कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय ग्रामीण कार्य विभाग पटना स्थित मुख्य अभियंता-3 का कार्यालय बनाया  गया  है।

 ग्रामीण कार्य विभाग पटना वन के चीफ इंजीनियर राजीव रंजन कुमार सिंह द्वारा मामले की जांच के बाद सौपी गई रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल के उपसचिव कृष्णमोहन सिंह ने सहायक अभियंता और ग्रामीण ग्राम विभाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार मिश्रा ने कनीय अभियंता के खिलाफ यह कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट में दोनों अभियंताओं को अनियमितता का आरोपी और संवेदक को लाभ पहुंचाने का दोषी पाया गया है।  लिहाजा दोनों के खिलाफ बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 9 (1)(क) के तहत निलंबन की यह कार्रवाई की गई है।

यह हैं मामला 

तरियानी प्रखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के तहत वैद्यनाथपुर -तरियानी छपरा पथ (पैकेज संख्या बीआर -32 आर-025) की स्वीकृति दी गई थी। 5.640 किमी लंबी सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी पूर्वी चंपारण जिले के चकिया के कुड़िया दामोदरपुर की सृष्टि सिंडिकेट इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को मिली थी। सात अगस्त 2019 को निर्माण शुरू हुआ। छह अगस्त 2020 को निर्माण पूरा कर लिया जाना था। कुल चार करोड़ 22 लाख 43 हजार 931 रुपये की यह योजना जैसे-तैसे पूरी कर दी गई। संवेदक द्वारा इस साल जनवरी तक काम किया गया। निर्माण में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई। कही भी मानक का पालन नहीं किया गया। कहीं एक इंच तो कही आधा इंच ढ़लाई की गई। जबकि, कम से कम चार इंच ढ़लाई करना है।

 नतीजतन सुल्तानपुर के पास यह सड़क ध्वस्त हो गई। पूर्व विधान पार्षद वैद्यनाथ प्रसाद द्वारा सीएम नीतीश कुमार और विभागीय अभियंताओं को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने मौके पर पहुंच सड़क की जांच की थी। सहायक अभियंता ने खुद माना की निर्माण में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां गड़बड़ी हुई है, निर्माण एजेंसी वहां सड़क तोड़कर फिर से मानक के अनुरूप निर्माण कराएगी।

 इससे संबंधित खबर 14 मार्च को दैनिक जागरण ने पृष्ठ संख्या पांच पर ''तरियानी में सड़क निर्माण में गड़बड़ी, संवेदक को दोबारा बनाने का आदेश '' शीर्षक से प्रकाशित की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने खुद मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया। साथ ही इसके लिए 16 सदस्यीय टीम गठित की। यह टीम 16 मार्च को तरियानी पहुंचकर मामले की जांच की थी। जांच में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। इस टीम ने जांच के लिए रॉ मैटेरियलका सैंपल भी लिया था। जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर सहायक अभियंता और कनीय अभियंता के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

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