समस्तीपुर : एंबुलेंस कर्मी ने मरे हुए शख्स को भी नहीं बख्शा, जेब से निकाले छह हजार रुपये; जानिए मामला
घटना समस्तीपुर की है। यहां सदर अस्पताल में 102 एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मी ने पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे मृत व्यक्ति के पॉकेट से छह हजार रुपये निकाल लिए। इस मामले में उसे निलंबित कर दिया गया है। जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम...
समस्तीपुर, जासं। सदर अस्पताल में 102 एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मी द्वारा पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे मृत व्यक्ति के पॉकेट से रुपये निकालने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उससे स्पष्टीकरण भी किया गया है। इसकी रिपोर्ट एंबुलेंस संचालन एजेंसी ने सिविल सर्जन को दी है। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य संस्थान के अधीन संचालित 102 एंबुलेंस सेवा का मूल उद्देश्य आमजनों को निस्वार्थ भाव से गुणवत्तापूर्ण सेवा दिया जाना है। कल्याणपुर से 18 दिसंबर को दुर्घटना के कारण मृत अवस्था में एक युवक को सदर अस्पताल लाया गया था। मृतक के पॉकेट से अनाधिकृत रूप से छह रुपये निकाल लिया।
इसको लेकर जिलाधिकारी ने भी एजेंसी के वरीय प्रबंधन को कोपभाजित होना पड़ा। रुपया लौटने के लिए भी कहने के बाद भी वापस करने से इंकार कर दिया गया। इसको लेकर अस्पताल परिसर में भी हो-हल्ला किया गया। जिससे अस्पताल प्रशासन की शांति व्यवस्था भी भंग होने की प्रबल संभावना बनी हुई थी। सिविल सर्जन और उपाधीक्षक के निर्देश के आलोक में आरोपी ड्राइवर को प्रशासनिक एवं अनुशासनिक ²ष्टिकोण से निलंबित कर दिया गया। साथ ही कहा गया है कि स्पष्टीकरण नहीं देने पर कार्य मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उपाधीक्षक ने अनुशासनिक कार्रवाई के लिए दी थी रिपोर्ट
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने 102 एंबुलेंस पर कार्यरत ड्राइवर पर रेफरल ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को छिन्न भिन्न करते हुए राजनीति करने की रिपोर्ट सिविल सर्जन से की। बताया कि अन्य कर्मियों को डरा धमका कर रंगदारी वसूलने का कार्य कर रहा है। बात-बात पर कर्मियों को हड़ताल पर चले जाने के लिए भी उकसाते रहता है। अमानवीय कार्य में भी लिप्त रहता है। 18 दिसंबर को कल्याणपुर से सड़क दुर्घटना में मृत अवस्था में नगीना सहनी को लाया गया था। उसके पॉकेट में एक पर्स था। जिसमें छह हजार रुपया भी था। मृतक के अभिभावक के सामने ही जांच पड़ताल के नाम पर रुपया ले लिया। इसके बाद रुपया लौटाने से इंकार कर दिया।
एएसआई रघुनाथ राय ने इस मामले की जानकारी दी। इसको लेकर मृतक के परिजनों ने हल्ला हंगामा भी मचाना शुरू कर दिया। जिससे शंति व्यवस्था भंग होने की संभावना उत्पन्न हो गई। बाद में काफी समझाने के बाद रुपया मृतक के अभिभावक को लौटाया गया। इसको लेकर डीएस ने प्रशासनिक आधार पर अन्यत्र स्थानांतरण करने को कहा।