मुजफ्फरपुर में करीब दस हजार लोग ड्राइविंग लाइसेंस-आरसी घर पहुंचाने का शुल्क देकर भी दौड़ रहे परिवहन और डाक विभाग

मुजफ्फरपुर के 10 हजार वाहन मालिक ड्राइविंग लाइसेंस व आनरबुक का कर रहे इंतजार डाक विभाग व परिवहन विभाग के बीच दौडऩे को मजबूर वाहन मालिक जहां भी जाते दो टूक कह दिया जाते मेरे पास नहीं आया है। ऐसे में इनकी परेशानी और बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:41 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:41 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में करीब दस हजार लोग ड्राइविंग लाइसेंस-आरसी घर पहुंचाने का शुल्क देकर भी दौड़ रहे परिवहन और डाक विभाग
व‍िभाग की लापरवाही के चलते डीएल और आरसी के ल‍िए परेशान हैंं लोग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। विभाग की गलती का खामियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस व आनरबुक घर पहुंचाने का शुल्क देकर भी वाहन मालिक परेशान हैं। कभी जिला परिवहन कार्यालय तो कभी डाकघर का चक्कर काटने को मजबूर हैं । ऐसे वाहन मालिकों की संख्या दस हजार से अधिक है । इनमें अधिकतर ऐसे हैं जो कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं । इनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं।

जिला परिवहन कार्यालय में दो टूक डाक से भेजे जाने की बात कह टाल दिया जा रहा तो डाकघर में कोई जानकारी देने वाला नहीं । ऐसे मालिक दलालों के भी शोषण के शिकार हो रहे हैं । मोटी रकम देने के बाद भी उनके हाथ खाली हैं। ज्ञात हो कि डीएल व आरसी बुक घर तक पहुंचाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय वाहन मालिकों से 50 रुपये शुल्क लेती है । इससे सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है । इसके बावजूद वाहन मालिकों को ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है । आनलाइन सिस्टम की वजह से कार्ड तैयार होते ही वाहन मालिकों को मैसेज प्राप्त हो जाता है । उसके बाद वह कार्ड का आवास पर पहुंचने का इंतजार करने लगते हैं । सोचते हैं कि स्पीड पोस्ट से दो से चार दिन में कार्ड पहुंच जाएगा, मगर महीनों लग जाते हैं । थककर वाहन मालिक जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर काटने लगते हैं।

- 'कुछ दिन पहले ही यहां की जिम्मेदारी संभाली है। इस शिकायत को दूर करना प्राथमिकता में शामिल है। इसकी पहल भी शुरू कर दी गई है । डाक विभाग से डिस्पैच के लिए कार्ड ले जाने वाले को एक सप्ताह के अंदर कार्ड घर तक पहुंचाने का इंतजाम करने को कहा गया है। जिसका पता गलत हो उसे तुरंत जिला परिवहन कार्यालय को वापस करने को कहा गया है। - लाल ज्योति नाथ शाहदेव, डीटीओ

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