कमला नदी पर लोगों को पुल की दरकार

प्रत्याशियों के नामांकन के साथ साथ इलाके में चुनावी तापक्रम अपने पूरे शबाब पे आने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Apr 2019 11:39 PM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2019 06:34 AM (IST)
कमला नदी पर लोगों को पुल की दरकार
कमला नदी पर लोगों को पुल की दरकार

मधुबनी। प्रत्याशियों के नामांकन के साथ साथ इलाके में चुनावी तापक्रम अपने पूरे शबाब पे आने लगा है। धीरे धीरे क्षेत्र का माहौल पूरी तरह चुनावी होने लगा है। झंझारपुर लोक सभा के चुनाव में एक बार फिर स्थानीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दे हावी होने की उम्मीद है। क्षेत्र में हर चौक चौराहे पर लोग राजनीतिक चर्चा में मशगूल हैं। चौक चौराहों पर लोग विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने में लगे हुए हैं। गंधराइन गांव के लोग गत पांच वर्ष का लेखा जोखा के साथ उससे पहले की स्थिति पर भी गंभीर चितन मनन कर अपनी राय रख रहे हैं। रपट सुदेश मिश्र की।

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गांवों के चुनावी माहौल का जायजा लेने हम सोमवार की सुबह 6 बजे गंधराइन चौक पर पहुंचे। प्रखंड का ये काफी महत्पूर्ण चौक है। ये रखवारी, हररी, महरैल, हैरना, कर्णपुर भदुआर आदि पंचायतों का मिलन स्थल है। हम योगेंद्र राउत के चाय की दुकान पर पहुंचे। एक चाय का आर्डर दे हम भी उनकी चर्चा में शामिल हो गए।

दुकान पर उस समय मो. नईम, रामप्रसाद साहू, इंद्रकुमार राय, उमाकांत राय, जमीर मोइन, मो जुम्मन मंसूरी, सुशील राय आदि चाय पीने आये थे। मो. नईम ने कहा कि पिछले कुछ सालों में काम तो खूब हुआ है, मगर बिचौलियों से पीछा नहीं छूट रहा। इस पर इंद्रकुमार राय तपाक से कहते हैं सरकार विकास का काम करना चाहती है। मगर स्थानीय नेता विकास में रोड़े अटका रहे हैं। आ•ादी के समय से ही उपेक्षित गांव में भी अब काम हो रहा है। यहां के लोगों की सबसे बड़ी शिकायत भदुआर में कमला नदी पर बनने वाला पुल को लेकर है। सभी कहते है हर चुनाव में हर नेता पुल बनाने का वादा तो करता है, मगर किसी ने इसको बनाने की जरूरत नहीं समझी आज तक। चाय दुकानदार योगेंद्र राउत सरकार के कामों से खुश दिखे। उन्होंने कहा कि ने कहा कि इस सरकार ने गांव की हालात धीरे धीरे बदल दी है। उमाकांत राय, जमीर मोइन, मो जुम्मन मंसूरी, सुशील राय आदि ने कहा कि सड़क और शौचालय जैसे बुनियादी काम खूब हुए हैं। बस राशन कार्ड और प्रधानमंत्री आवास का लाभ हर जरूरतमंद को नही मिलने और इसमें जारी भ्रष्टाचार का दुख उनको था।

इसी बीच वहां सामाजिक कार्यकर्ता राम विलास धांगर आ गए। आते ही वो केंद्र सरकार पर पिल पड़े। कहा कि इस सरकार ने सिर्फ लोगो को ठगने का काम किया है। विकास की जगह धर्म और जाति के नाम पर लड़ाने में जुटी है। इस बार चुनाव में इसका डब्बा गुल हो जाएगा। हम वहां से जैसे ही बाहर निकले सामने शुभेश्वर यादव न•ार आये। जब हममे उनसे चुनाव के बाबत क्षेत्र का मूड भांपने की कोशिश की तो वो भी सरकार से नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सामाजिक न्याय को कमजोर करने का काम किया है। इस तरह करीब एक घंटे वहां रुककर लोगों की चुनावी राय को समेटने के बाद हमने अपनी बाइक को उठाया और वापस लौट पड़े।

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गंधराइन एक न•ार में-

यह गांव हेरना पंचायत का हिस्सा है। पंचायत में कुल 24 वार्ड है, जिसमे पहले चार इस गांव में आता है। गांव की जनसंख्या करीब 2500 और 1250 के करीब वोटर हैं। मुस्लिम बहुल इस गांव में धांगर, अमात और मुसहर की आबादी मुख्य है। गांव की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है।

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