कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुनहारा के पाताल गंगा घाट पर उमड़ी भीड़

मधुबनी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रखंड की पश्चिमी सीमा पर प्रवाहित सदानीरा मुनहारा के ल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुनहारा के पाताल गंगा घाट पर उमड़ी भीड़
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुनहारा के पाताल गंगा घाट पर उमड़ी भीड़

मधुबनी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रखंड की पश्चिमी सीमा पर प्रवाहित सदानीरा मुनहारा के ललमनियां स्थित पाताल गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की पवित्र डुबकी लगाई। भारतीय क्षेत्र के गांवों के अलावा सीमा पार के अभयनगर कुरसंदी, झांझपट्टी, जगतपुर तथा मझौरा आदि गांवों से आये लोगों ने पवित्र स्नान किया। स्नान के उपरांत नदी तट पर निर्मित मंदिरों में लोगों ने पूजा-अर्चना की तथा भगवान सूर्य को प्रणाम किया। किसी प्रकार की अनहोनी घटना से बचने के लिए कार्तिक पूर्णिमा स्नान आयोजन समिति के स्वयं सेवक चौकस होकर खड़े थे। ललमनियां थाना अध्यक्ष गुलाम सरवर भी पुलिस फोर्स के साथ गश्त लगा रहे थे। कोरोना महामारी के खतरे के मद्देनजर एक ओर जहां जगहों को साफ-सुथरा रखा गया था वहीं 2 गज की दूरी कायम रखने की कोशिश भी की जा रही थी। लगातार प्रचार प्रसार के बावजूद स्नान घाट पर वह मेला स्थल पर बहुत कम लोग मास्क पहने नजर आए। मेले में नहीं हुई बिक्री, व्यवसायी हुए मायूस बाबूबरही। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा मेला में बिक्री नगण्य रही। सो व्यवसायी मायूस हुए। कई व्यवसायी ने बताया कि कोविड संक्रमण को लेकर रोजगार पर असर पड़ा। सो ये लोग घर बैठ गए।आर्थिक तंगहाली से गुजरते अपनी माली हालत को सुधारने के लिए महाजन से कर्ज लेकर व्यवसाय किया था। उम्मीद यह कि इनकी माली हालत में कुछ सुधार आ जाए। कितु इस पर पानी फिर गया। मधुबनी की फल विक्रेता सुमित्रा देवी ,कुंभकार अजय पंडित सहित दर्जनों व्यवसायी ने पूछे जाने पर प्राय: कुछ इसी तरह का मायूस भरी बात कही।अजय ने कहा कि चायनीज सामान के प्रतिबंध के बाद इन्हें लगा कि इनकी व्यवसाय एक बार फिर परवान पर होगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। समिति सदस्यों ने बताया कि कोविड संक्रमण को लेकर लोग मेला में आने से परहेज किया। वहीं मलमास में अनायास मेला लग जाने के कारण लोगों ने इस मेला में आने से परहेज किया। लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगेहाल भी लोगों को मेला आने से रोका।

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