सड़क पर छोड़ देते नाले की गंदगी, बदबू से जीना मुहाल

नगर परिषद क्षेत्र के सार्वजनिक हिस्सों को स्वच्छ रखने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। कचरे की सफाई व्यवस्था अबतक ठोस नहीं हो सकी है। इससे कचरे की नियमित सफाई की बात तो दूर नालों की सफाई महीनों बाद होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 01:36 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:15 AM (IST)

सड़क पर छोड़ देते नाले की गंदगी, बदबू से जीना मुहाल
सड़क पर छोड़ देते नाले की गंदगी, बदबू से जीना मुहाल

मधुबनी । नगर परिषद क्षेत्र के सार्वजनिक हिस्सों को स्वच्छ रखने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। कचरे की सफाई व्यवस्था अबतक ठोस नहीं हो सकी है। इससे कचरे की नियमित सफाई की बात तो दूर नालों की सफाई महीनों बाद होता है। नाला से निकाली गई गंदगी लोगों के घरों के आगे रखकर कई दिनों तक छोड़ दिया जाता है। इसकी बदबू लोगों को नाकोंदम किए रहता है। इस तरह शहर में स्वच्छता की कमी के साथ खुले में कचरे की समस्याएं वर्षो से दूर नही हो पा रही है। शहर के अधिकांश हिस्सों में सड़क किनारे कचरा होने से लोगों को आवाजाही को बाधित करता है। थाना चौक से स्टेशन चौक तक नाला की नहीं हो रहीं सफाई

शहर के कई हिस्सों में क्षेत्र में नाला निर्माण के बाद उसे खुला छोड़ देना खतरनाक बना है। शहर के थाना चौक से स्टेशन चौक तक सड़क किनारे करीब पांच वर्ष पूर्व निर्मित नाला की सफाई अबतक नहीं होने से नाला पूरी तरह गंदगी से जाम पड़ा है। इस नाला को कई जगहों पर ढक्कन नहीं होने से इसमें गिरकर बेसहारा पशु जख्मी हो रहे हैं। थाना चौक से आगे नंद होटल के सामने यह खुला नाला खतरनाक बना है। शहर के कीर्तन भवन, महाराजगंज, भौआड़ा सहित अन्य हिस्सों में नाला का निर्माण नहीं होने से सड़क किनारे कच्चा नाला से पानी का बहाव सड़कों पर होता रहता है। नाला विहीन मोहल्लों में सड़क किनारे गंदगी के साथ-साथ घरों से निकलने वाला पानी को सड़क पर बहाने से रोकने के लिए नगर परिषद द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने बताया कि शहरी क्षेत्र में शहर में लोगों को सरेआम कचरा फेंकने से परहेज करना चाहिए। वहीं मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने बताया कि शहर में महीनों से बाधित नाला सहित अन्य निर्माण कार्य शुरू कराने में नगर परिषद प्रशासन उदासीन बना है। स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज योजना की गति धीमी

शहरी क्षेत्र के वाट्सन, किग्स व राज केनाल की सफाई नहीं हाने से जलनिकासी की समस्या दूर नहीं हो पा रही है। इन केनालों से जुड़े शहर की छोटे नाला का संपर्क भंग होने से सालों भर नाला जाम रहता है। इससे इसका दूषित पानी सड़क पर बहता रहता है। मालूम हो कि जलनिकासी के लिए एक मार्च 19 को शहर के थाना चौक स्थित नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश कुमार शर्मा द्वारा स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज की योजना का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद से ही स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज की योजना के कार्य की गति धीमी देखी जा रही है। वाट्सन, किग्स व राज केनाल का जीबछ नदी से जुड़ाव कई जगहों पर भंग होने से जलनिकासी बाधित है। इसके लिए शहर में स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज की योजना के लिए 103 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। डीआरडीए के सामने से सदर अस्पताल चौक तक नाला निर्माण अधूरा

मालूम हो कि वर्ष 2016 के जून माह में स्थानीय डीआरडीए के सामने से सदर अस्पताल चौक तक नाला निर्माण के लिए खोर्दाइ कार्य शुरु किया गया था। तीन वर्ष बाद भी यह योजना हवा-हवाई सबित हो रहा हैं। तत्कालीन डीएम गिरिवर दयाल सिंह के निर्देश पर नगर परिषद प्रशासन द्वारा आनन-फानन में यहां नाला निर्माण के लिए खोदाई कार्य किया गया था। पांच फीट चौड़ी नाली की खुदाई कराकर उसे वाट्सन केनाल से जोड़ने की योजना बनायी गई थी। इस वर्ष भी इस नाला का पक्कीकरण नहीं हो सका।

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