दीपावली पर भी स्वच्छ नहीं हो रहा शहर, गंदगी से परेशानी

मधुबनी। दीपावली पर शहरवासी अपने घरों को स्वच्छ रखने में आगे नजर आ रहे हैं। मगर शहर को साफ करने में नगर परिषद प्रशासन फिसड्डी साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 11:39 PM (IST)
दीपावली पर भी स्वच्छ नहीं हो रहा शहर, गंदगी से परेशानी
दीपावली पर भी स्वच्छ नहीं हो रहा शहर, गंदगी से परेशानी

मधुबनी। दीपावली पर शहरवासी अपने घरों को स्वच्छ रखने में आगे नजर आ रहे हैं। मगर, शहर को साफ करने में नगर परिषद प्रशासन फिसड्डी साबित हो रहा है। वर्तमान में नगर परिषद के सिटी मैनेजर की देखरेख में शहर की स्वच्छता को बहाल रखना कारगर नहीं दिख रहा। शहर के चौक-चौराहों पर खुले में गंदगी दूर नहीं हो पा रही है। शहर के अधिकतर हिस्सों में कूड़ादानों की कमी के कारण लोगों को खुले में गंदगी फेंकने को विवश हैं। नगर परिषद के कुल 21 सफाईकर्मियों के अलावा सफाई कार्य पर प्रतिमाह करीब 23 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके शहर से गंदगी की नियमित सफाई संभव नहीं हो रही है। वार्ड नौ के कुभंहार टोल में जगह-जगह गंदगी का अंबार

मंगलवार को शहर के वार्ड नौ के कुंभकार टोला में जगह-जगह गंदगी का ढेर देखा गया। कई जगहों पर भारी मात्रा में गंदगी की सफाई नही होने से लोग गंदगी से निजात पाने के लिए उसे आग के हवाले किया जा रहा है। हालांकि, नगर परिषद के सफाई कर्मियों द्वारा भी गंदगी की सफाई में आग लगाई जा रही है। वार्ड नौ के उर्मिला देवी ने बताया कि वार्ड क्षेत्र में गंदगी की नियमित सफाई नहीं हो रही हैं। कूड़ादान की कमी बनी है। बेचन साह ने बताया कि महंथी लाल चौक के पीछे कुंभहार टोल में चौक पर गंदगी का अंबार लगा है। सफाई नहीं होने से मच्छर का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है। नगर परिषद क्षेत्र में दो वित्तीय वर्षों में एक हजार कूड़ेदान की खरीद हुई। इसके लिए 70 लाख रुपये खर्च किए गए। मगर, शहरी क्षेत्र में रखे गए कूड़ादानों की संख्या को देखकर कहीं से नहीं लगता कि इतनी संख्या में कूड़ेदान की खरीद हुई थी। वहीं गंदगी की स्थिति भी यह शक पैदा कर रहा कि सफाई मद में प्रतिवर्ष खर्च किए जाने वाले करोड़ों रुपये में लूट तो नहीं हो रही। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने बताया कि शहर में गंदगी की सफाई को बहाल रखने का प्रयास चल रहा है।

chat bot
आपका साथी