बाढ़-सुखाड़ के निदान को ले अंतिम समय तक भोगेंद्र झा ने किया संघर्ष

मधुबनी । भाकपा कार्यालय बेनीपट्टी में गुरुवार को पूर्व सांसद व स्वतंत्रता सेनानी एवं भाकपा के नेता भोगेंद्र झा की पुण्यतिथि मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 11:04 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 11:04 PM (IST)
बाढ़-सुखाड़ के निदान को ले अंतिम समय तक भोगेंद्र झा ने किया संघर्ष
बाढ़-सुखाड़ के निदान को ले अंतिम समय तक भोगेंद्र झा ने किया संघर्ष

मधुबनी । भाकपा कार्यालय बेनीपट्टी में गुरुवार को पूर्व सांसद व स्वतंत्रता सेनानी एवं भाकपा के नेता भोगेंद्र झा की पुण्यतिथि मनाई गई। भाकपा के अंचल मंत्री आंनद कुमार झा की अध्यक्षता में हुई श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भोगेंद्र झा गरीब, दलित, शोषित एवं मिथिलांचल में बाढ़ सुखाड़ के स्थायी निदान व हाई डैम निर्माण की मांग को लेकर अंतिम समय तक लड़ते रहें। मधुबनी जिला से पांच बार सांसद बने व मिथिलांचल के विकास व समस्याओं को लेकर सड़क से सदन तक आवाज उठाते रहें। 1939 में मिथिलांचल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की गई और जीवन के अंतिम समय तक सीपीआई मे रहते हुए वंचितों के आवाज रहें। 1942 में स्वतंत्रता संग्राम से भारत छोड़ों लोक युद्ध के नारों के साथ पूरी शक्ति से शामिल हुए। 1942 से 1967 तक कई बार भोगेन्द्र झा जेल गए थे। 1967 से 1991 तक पांच बार मधुबनी लोकसभा सीट से सांसद बने। लगभग 25 वर्षों के संसदीय जीवन में स्वच्छ एवं बेदाग छवि को स्थापित किया। उन्होंने पुराने दरभंगा जिले में बड़े भूमि आंदोलन का नेतृत्व किया। बेनीपट्टी के उच्चैठ में कालीदास विद्यापति साईंस महाविद्यालय, पलटू लोरिक उच्च विद्यालय तिसियाही, बेनीपट्टी अनुमंडल स्थिति उद्योगिक भवन सहित पुस्तकालय जैसे अनेकों संस्थान उनकी कृतितव की याद दिलाते हैं। जमींदारी आंदोलन में हजारों भूमिहीनों को पर्चा उपलब्ध कराया गया। पूर्व सांसद भोगेन्द्र झा का जन्म बेनीपट्टी प्रखंड के बरहा गांव में हुआ था। इस अवसर पर मुखिया अवध किशोर झा, तिरपित पासवान, सुबोध झा, विपिन पासवान, रामाशीष पासवान, मो. सिराजूल, गोपाल राय, विदेही यादव, मो. रोबिल, मो. मोजीबुल रहमान, प्रेमचन्द्र झा सहित अन्य लोगों ने विचार प्रकट किया।

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