केंद्र की नीतियों के खिलाफ वाम दलों का 23 को पटना में मार्च

मधेपुरा। केंद्र सरकार के तथाकथित विफलताओं एवं कारगुजारियों के खिलाफ बुधवार को वामदलों ने स्थानीय वेद

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 May 2018 06:29 PM (IST) Updated:Wed, 16 May 2018 06:29 PM (IST)
केंद्र की नीतियों के खिलाफ वाम दलों का 23 को पटना में मार्च
केंद्र की नीतियों के खिलाफ वाम दलों का 23 को पटना में मार्च

मधेपुरा। केंद्र सरकार के तथाकथित विफलताओं एवं कारगुजारियों के खिलाफ बुधवार को वामदलों ने स्थानीय वेद व्यास कॉलेज में कन्वेंशन का आयोजन किया। मालूम हो कि केंद्र सरकार के ढ़ुलमुल नीतियों के विरोध में वामदल एवं प्रगतिशील संगठनों के देशव्यापी जन एकता, जन अधिकार आंदोलन 23 मई को पटना में आयोजित हो रहा है। आंदोलन के जरिए वाम दल केंद्र सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ पोल खोल हल्ला बोल मार्च करेंगे। इस कार्यक्रम के सफलता को लेकर भाकपा, माकपा एवं भाकपा माले ने बुधवार को वेद व्यास कॉलेज में कन्वेंशन के माध्यम से लोगों से संवाद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा के वरीय नेता को प्रो. देव नारायण पासवान देव ने की। मौके पर कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के चार वर्ष बीतने के बावजूद हर मोर्चे पर विफल है। पीएम मोदी के सभी वादे छलावा साबित हुआ है। आज देश के नौजवान, किसान एवं आम आवाम ठगा महसूस कर रहे हैं। भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र खतरे में है। आरक्षण जैसी लोकतांत्रिक अधिकार को खत्म करने पर तुली है। छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर देश भर में संप्रदायिक एवं जातीय उन्माद फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के बचाने एवं अपनी लोकतांत्रिक अधिकार की हिफाजत करने के लिए संघर्ष ही एक रास्ता है। वक्त का तकाजा है कि वाम, जनवादी, प्रगतिशील एवं धर्मनिरपेक्ष ताकत को एकजुट होकर संघर्ष तेज करना होगा। वहीं भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि मोदी सरकार आज तक की सबसे विफल एवं भ्रष्ट सरकार है। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग की। भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई, बेकारी, गरीबी, व्याप्त भ्रष्टाचार, दलितों एवं अकलियतों पर हो रहे अत्याचार से आम लोग परेशान है। देश में भय और आतंक का माहौल है। इससे निजात पाने के लिए हर स्तर पर जन आंदोलन विकसित करना वक्त की पुकार है। भाकपा के जिला मंत्री मनोरंजन ¨सह ने कहा कि प्रतिवर्ष 12 हजार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश लागू नहीं हुई। लगातार श्रम कानून को तोड़े जा रहे हैं। शिक्षा और रोजगार के अवसर खत्म किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार इन तमाम समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनी हुई है। भाकपा राज्य पार्षद निखिल झा ने बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई निदान करने, किसानों की फसल का लाभकारी मूल्य देने की मांग की। भाकपा माले की सीताराम रजक एवं केके ¨सह राठौर ने कहा कि केंद्र की सरकार देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म कर फांसीवाद के रास्ते आगे बढ़ रही है। किसान सभा के राज्य सचिव रमन कुमार एवं नौजवान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष शंभू क्रांति ने कहा कि मणिपुर, गोवा एवं मेघालय की तरह कर्नाटक में भी खरीद फरोख्त कर सरकार बनाने पर तुली है। इस तरह का कृत्य लोकतंत्र की हत्या है। मौके पर भाकपा कि मु. जहांगीर, प्रो. ललन कुमार मंडल, मोती ¨सह, उमाकांत ¨सह, जगत नारायण शर्मा, अंबिका मंडल, दिलीप पटेल, मु. चांद, साचिदा शर्मा, मु. सुलेमान, अनिल भारती, सिकंदर राम, कृत्यानंद रजक, नंदकिशोर राम, मु. वसीम उद्दीन, सौरभ कुमार, भाकपा माले कि शंभूशरण भारतीय, रचेन यादव, रघुनंदन यादव, सुभाष मल्लिक, शशि भूषण ¨सह, बैजनाथ झा, माकपा की कृत नारायण यादव, विजय कुमार, अखिलेश यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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