अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में कराएं भर्ती

प्रखंड संसाधन समूह को क्रमिक क्षमता विकास का मिला प्रशिक्षण माताओं व बच्चों को कुपोषण से ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:49 AM (IST)
अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में कराएं भर्ती
अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में कराएं भर्ती

प्रखंड संसाधन समूह को क्रमिक क्षमता विकास का मिला प्रशिक्षण

माताओं व बच्चों को कुपोषण से बचाने को सतर्क रहने पर जोर संवाद सहयोगी, लखीसराय : डीआरडीए के सभागार में आइसीडीएस के तत्वावधान में राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत गुरुवार को प्रखंड संसाधन समूह को क्रमिक क्षमता विकास माड्यूल 19 का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर आइसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह जिला संसाधन समूह की प्रशिक्षक कुमारी अनुपमा ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। कुछ लोग कुपोषण के शिकार बच्चों के प्रति उदासीन रहते हैं। इस कारण कुपोषण के शिकार बच्चे कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। उन्होंने प्रखंड संसाधन समूह के सदस्यों को उम्र के अनुसार बच्चों के लंबाई एवं वजन को माप करने, शारीरिक वृद्धि का आकलन करने को कहा। बच्चों के दुबला होने एवं ऊंचाई के अनुसार वजन कम होने पर किए जाने वाले कार्य, बच्चों का वृद्धि निगरानी चार्ट में पीले और लाल रंग के दायरे में आने पर किए जाने वाले कार्य की जानकारी दी गई। उन्होंने अतिकुपोषित बच्चों का प्रत्येक छह माह में लंबाई एवं वजन की माप लेकर शरीर में वृद्धि के अनुसार उसे पौष्टिक आहार एवं उपचार करने की व्यवस्था करने को कहा। प्रखंड संसाधन समूह के सदस्यों को क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर लाभार्थी के बीच जाकर स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए व्यवहार परिवर्तन कराने पर जोर दिया। उन्होंने सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका को प्रतिमाह अतिकुपोषित 20 बच्चों को सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जिला संसाधन समूह के प्रशिक्षक के रूप में मौजूद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार भारती, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पूजा रानी, बीनू कुमारी, श्वेता रानी, मोनिका रानी, केयर इंडिया के टीम लीडर नावेद उर रहमान, जिला परियोजना सहायक जय प्रकाश द्वारा प्रखंड संसाधन समूह के सदस्यों को नवजात में संक्रमण होने की संभावना की जानकारी लेकर उससे बचाव करने, नवजात की बीमारी की पहचान कर उससे बचाव करने, बीमार शिशु को मरने से बचाने का उपाय करने आदि की जानकारी दी गई। प्रखंड संसाधन समूह के रूप में प्रशिक्षण पाने वालों में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी मुक्ता, वीनु कुमारी के अलावा महिला पर्यवेक्षिका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक आदि शामिल थे। प्रखंड संसाधन समूह द्वारा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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