घरेलू खाद से अधिक उत्पादन के गुर सिखा रहे डीएम सुनील

लखीसराय [विनोद कुमार वर्मा]। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की जद्दोजहद के साथ जि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 May 2017 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 21 May 2017 05:58 PM (IST)
घरेलू खाद से अधिक उत्पादन के गुर सिखा रहे डीएम सुनील
घरेलू खाद से अधिक उत्पादन के गुर सिखा रहे डीएम सुनील

लखीसराय [विनोद कुमार वर्मा]। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की जद्दोजहद के साथ जिलाधिकारी सुनील कुमार जिले के आदिवासी व गरीब भूमिहीन किसानों को घरेलू खाद से अधिक पैदावार की खेती करने का गुर सीखा रहे हैं। अपने सरकारी आवासीय परिसर में खुद प्राकृतिक रूप से खेती से अधिक पैदावार कर प्रायोगिक तौर पर किसानों को इसकी जानकारी देते हैं। आवासीय परिसर में प्लास्टिक बोरा में विभिन्न प्रकार के पौधे की खेती उनके द्वारा की गई है। अरहर, शाक, सब्जी सहित अन्य कई तरह की खेती वे खुद कर रहे हैं। वे सुबह दिन की शुरुआत खेती से करते हैं। साथ ही भूमिविहीनों को बुलाकर कम जमीन, पानी, खाद और लागत से शाक, सब्जी, दलहन, तेलहन की खेती के बारे में तकनीकी जानकारी दे रहे हैं। उनके आवास में प्लास्टिक की बोरी में मिट्टी व प्राकृतिक खाद का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार की खेती उनके द्वारा की गई है जिसे देखकर छोटे किसान लाभ ले रहे हैं। खासकर अनुसूचित जन जाति को इसका लाभ डीएम सुनील कुमार दे रहे हैं। इस तरह उनका सरकारी आवास इन दिनों प्रदर्शनी केंद्र बन गया है। प्राकृतिक खाद में देसी गाय का गोबर एवं मच¨लग का प्रयोग करते हैं। डीएम ने बताया कि जिनके पास जमीन नहीं है वे पांच बोरी में मिट्टी व प्राकृतिक खाद से खेती कर पूरे वर्ष के लिए सब्जी की कमी को दूर कर सकते हैं। श्री विधि से खुद समाहरणालय एवं अपने आवासीय परिसर में अरहर की प्राकृतिक खेती उन्होंने की है। अरहर के पौधे से दो वर्षों तक प्रत्येक वर्ष चार बार कटनी कर अरहर फसल का उत्पादन करते हैं। डीएम श्री कुमार ने बताया कि रासायनिक व जैविक खाद जमीन का क्षरण करने के साथ लोगों में कई प्रकार की बीमारी पैदा कर रही है।

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