एनआरसी-सीएए को लेकर चलता रहेगा विरोध प्रदर्शन : पप्पू यादव

एनआरसी-सीएए के विरोध को लेकर जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उफ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jan 2020 09:48 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jan 2020 06:11 AM (IST)
एनआरसी-सीएए को लेकर चलता रहेगा विरोध  प्रदर्शन :  पप्पू यादव
एनआरसी-सीएए को लेकर चलता रहेगा विरोध प्रदर्शन : पप्पू यादव

एनआरसी-सीएए के विरोध को लेकर जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव लगातार सीमांचल का दौरा कर रहे हैं। जिससे कि मुस्लिम, दलित, आदिवासी और पिछड़ों की परेशानी को कम किया जा सके। देश का संविधान खतरे में है और एनआरसी देश को बांटने वाला है। सरकार को इसे हर हाल में वापस लेना होगा। ठाकुरगंज का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को परेशान करने के लिए एनआरसी-सीएए ला रही है। सरकार का प्रयास है कि विकास के मुद्दे से हटाकर लोगों को एनआरसी-सीएए में उलझा कर रखा जाए।

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई देश के सभी लोगों की है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान को मानने वाले एनआरसी और सीएए का विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए नए-नए कानून बनाने की पहल कर रही है। एनआरसी पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में एक करोड़ 70 लाख लोगों के पास रहने के लिए जमीन नहीं है। ये लोग कैसे व कहां से नागरिकता साबित करेंगे। भ्रूण हत्या, दहेज हत्या जैसे अपराध को रोकने के बजाय एनआरसी लागू करने में सरकार व्यस्त है। नोटबंदी तो कभी जीएसटी, तीन तलाक, धारा 370 तो कभी जाति-धर्म के नाम पर अशांति फैलायी जा रही है। प्रत्येक दिन अलग-अलग स्थानों पर जाप नेता व कार्यकर्ता जनसभा कर सरकार को इस कानून को वापस लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं। एनआरसी के दायरे में असम में 40 लाख भारतीय आ गए। जो बिहार, झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशों से रोजगार की तलाश में गए थे। सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि स्थानों में शोषित लोगों को शरण देने से पहले देश के शोषित लोगों के साथ न्याय करें व उनको हक दें। इस दौरान जाप नेता प्रो. मुसब्बीर आलम, शहनबाज उर्फ कल्लू व अन्य वक्ताओं ने भी सभा को संबोधित रते हुए कहा कि हमारी पार्टी मानव श्रृंखला का विरोध करेगी। एनआरसी को लेकर पूरा देश परेशानी के दौर से गुजर रहा है और प्रदेश की सरकार हरियाली का खोखला ढंग रच रहा है।

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