मां लक्खी पूजा से भक्तों को मिलती है सुख समृद्धि

किशनगंज। ठाकुरगंज नगर सहित प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बंगाली समुदाय के लोगों ने रविवार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Oct 2019 09:58 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 06:09 AM (IST)
मां लक्खी पूजा से भक्तों को मिलती है सुख समृद्धि
मां लक्खी पूजा से भक्तों को मिलती है सुख समृद्धि

किशनगंज। ठाकुरगंज नगर सहित प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बंगाली समुदाय के लोगों ने रविवार को धन की देवी मां लक्ष्मी की पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना किए। विजयादशमी के छठे दिन आश्विन माह के पूर्णिमा में होने वाले खासकर बंगाली समुदाय की महिलाओं ने व्रत रखकर मां लक्ष्मी की पुजा की। सुख एवं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की आराधना के लिए लोग अपने अपने घर-आंगन की सफाई कर घरों को सजाया। इस दौरान सुबह से ही पूजा को लेकर खासा उत्साह देखा गया। परिवार के सदस्यों में लक्खी पूजा (लक्ष्मी पूजा) को लेकर उत्सवी माहौल रहा। पूजा के बाद अपने सगे संबंधी, मित्र और पड़ोसियों को आमंत्रित कर प्रसाद दिए।

पुरोहित बिमल मुखर्जी बताते हैं कि लक्ष्मी पुजा से घर में सुख,समृद्धि और धन- संपदा की प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है। इसे कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं दिनभर उपवास रख कर विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पुजा अर्चना की। पूजा में प्रसाद के रूप में नारियल के लडडूृ, तिल के लड्डू, धान का लावा, फल, खीर और खिचड़ी चढ़ाए गए। वहीं ठाकुरगंज नगर के बंगाली समुदाय की व्रती महिला पापिया सिंहा, शिप्रा सरकार, रंजना अधिकारी, लक्खी साहा, वेदाना घोष, रीता कुंडू आदि व्रतियों ने बताया कि मां की पुजा के समय केला पौधा के छिलके से नाव बनाकर उसमें पांच तरह के अन्न, फल-फूल डालकर पुजा की गई। जिससे घर में अन्न,धन की कभी कमी नहीं होती है। पुजा के पूर्व घर के आंगन, बरामदा और कमरा आदि में तरह-तरह की रंगोली बनाई गई। रंगोली में मां के पदचिन्ह बनाए गए। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी इन पदचिन्हों पर घर प्रवेश करती हैं। बंगाली समुदाय की महिलाओं के द्वारा बनाए जानेवाले रंगोली से बने ये पदचिह्न विशेष आकर्षित होते हैं।

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