इलाज में विलंब से पांच माह की बच्ची की मौत

संवाद सूत्र, पौआखाली (किशनगंज) : ग्रामीण अस्पतालों में एक एमबीबीएस डॉक्टर को पदस्थापित न कर पाने की

By Edited By: Publish:Fri, 28 Nov 2014 08:50 PM (IST) Updated:Fri, 28 Nov 2014 08:50 PM (IST)
इलाज में विलंब से पांच माह की बच्ची की मौत

संवाद सूत्र, पौआखाली (किशनगंज) : ग्रामीण अस्पतालों में एक एमबीबीएस डॉक्टर को पदस्थापित न कर पाने की स्वास्थ्य विभाग की बेवशी सैकड़ों जानों के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। स्वास्थ्य विभाग की इसी बेवशी से भरी कुव्यवस्था ने शुक्रवार को एक पांच माह की बच्ची की समय पर इलाज नहीं होने से चली गई । पौआखाली के एक निजी क्लिनिक में अपनी बच्ची का इलाज कराने आए मालिनगांव पंचायत के आमबाड़ी ग्राम निवासी जैनुल आबेदिन ने बताया कि पिछले तीन दिनों से उनकी नन्ही बच्ची बुखार व दस्त से पीड़ित थी। इलाज के लिए यहां से वहां भटकते हुए डॉ. नुरुल होदा के क्लीनिक पर पहुंचे। डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज प्रारंभ किया व बच्चे को बुखार की दवाई दी किंतु दवाई देने के कुछ ही मिनटों बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मृत्यु के बाद क्लीनिक के आसपास का पूरा माहौल परिजनों के चित्कार से दहल उठा। परिजनों ने पहले तो डॉक्टर पर गलत तरीके से इलाज करने आरोप लगाया किंतु कुछ देर बाद किसी तरह की कार्रवाई से इंकार कर शव लेकर चल निकले। इस घटना क्रम के दौरान स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सभी प्राइवेट क्लीनिक व वहां चल रहे अवैध पैथोलाजी, एक्सरे सेंटर सहित हर पहलू की जांच होनी चाहिए। व शीघ्र पौआखाली अस्पताल में एक एमबीबीएस डॉक्टर (जेनरल फिजिशियन) की नियुक्ति होनी चाहिए। जदयू प्रखंड अल्पसंख्यक अध्यक्ष व बीस सूत्री सदस्य मौलाना आजाद कासमी ने सीएस किशनगंज से प्राइवेट क्लीनिक में इलाज के नाम पर हो रहे गोरख धंधे व शोषण की जांच की मांग की है।

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बच्चे को 103 डिग्री बुखार था व उसके लिए पारासिटामाल दवाई दी गई किंतु मरीज की अत्यंत खराब स्थिति देख कर रेफर कर दिया था। परिजनों ने क्लीनिक में ही काफी वक्त बर्बाद कर दिया था। जिससे बच्ची की मृत्यु हुई।

डा. नुरुल होदा, पौआखाली

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