कफन के लिए नहीं थे पैसे, बेटों ने मांगी भीख, दो दिन रखा रहा मां का शव

मां के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं थे तो बेटों ने कफन के लिए भीख मांगी। दो दिनों तक मां का शव रखा रहा, तीसरे दिन पैसे इकट्ठे होने पर हुआ दाह संस्कार।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Wed, 29 Nov 2017 02:32 PM (IST) Updated:Wed, 29 Nov 2017 09:46 PM (IST)
कफन के लिए नहीं थे पैसे, बेटों ने मांगी भीख, दो दिन रखा रहा मां का शव
कफन के लिए नहीं थे पैसे, बेटों ने मांगी भीख, दो दिन रखा रहा मां का शव

खगडिय़ा [जेएनएन]। गरीबी उन्मूलन के तमाम सरकारी प्रयासों को झकझोर देने वाली घटना मंगलवार को जिले के धुसमुरी विशनपुर में सामने आई। दो दिन पहले मृत मां के लिए भीख मांगकर बेटों ने कफन की व्यवस्था की।

तीसरे दिन मंगलवार को जब पैसे एकत्रित हो गए तब दाह-संस्कार की तैयारी शुरू हो सकी। इसी दौरान जिला प्रशासन को मामले की जानकारी मिली तब डीएम के निर्देश पर मुंगेर गंगा घाट पर दाह संस्कार करने की व्यवस्था हुई।

सदर प्रखंड के धुशमुरी विशनपुर निवासी आशा कार्यकर्ता रुक्मिणी देवी की गत रविवार को मौत हो गई थी। दाह-संस्कार के लिए उसके पुत्रों के पास पैसे नहीं थे। जब दाह संस्कार का जुगाड़ नहीं हुआ तो रुक्मिणी के पुत्र राहुल और राकेश ने मां की अर्थी उठाने के लिए लोगों से भीख मांगी। लोगों ने सहयोग के लिए हाथ भी बढ़ाया।

सूचना पाकर डीएम जय सिंह ने अधीनस्थों को निर्देश दिया कि शव का दाह-संस्कार मुंगेर गंगा घाट पर कराया जाए। साथ ही कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत उन्होंने राशि मुहैया कराने का भी निर्देश दिया। खगडिय़ा के बीडीओ रविरंजन ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर रुक्मिणी देवी के परिजनों को तीन हजार की राशि कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दे दी गई है।

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