कोरोना पर भारी दिखी श्रद्धा, नहीं माने श्रद्धालु

खगडि़या। सावन महीने में सोमवार का खास महत्व है। जिले में स्थित शिवालयों में पहले श्रावण के प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:50 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:50 PM (IST)
कोरोना पर भारी दिखी श्रद्धा, नहीं माने श्रद्धालु
कोरोना पर भारी दिखी श्रद्धा, नहीं माने श्रद्धालु

खगडि़या। सावन महीने में सोमवार का खास महत्व है। जिले में स्थित शिवालयों में पहले श्रावण के प्रत्येक सोमवार को भक्तों का सैलाब उमड़ता था। हजारों कांवरिया बाबा मटेश्वर धाम जाने के लिए खगड़िया के रास्ते सहरसा के बख्तियारपुर पहुंचते थे। जिनमें उत्साह देखते बनता था। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोरोना गाइडलाइन के कारण जिले के शिवालयों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। वहीं कांवरिया संघ को भी कांवरिया जत्था निकालने को मना किया गया है। लेकिन कई जगहों पर भक्तों की श्रद्धा उन्हें मंदिरों तक खींच लाई। जिले के कई शिव मंदिरों में भक्तों ने सावन की प्रथम सोमवारी पर पूजा-अर्चना की। जिले के राजेंद्र सरोवर स्थित अजगैबीनाथ मंदिर में दिन भर श्रद्धालु आते रहे। वहीं एसडीओ रोड स्थित शिव मंदिर, बलुआही ठाकुरबाड़ी स्थित शिव मंदिर, इनकम टैक्स कार्यालय स्थित शिव मंदिर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जलाभिषेक किया। कई मंदिरों में सुबह के बाद श्रद्धालुओं का आना बंद हो गया, तो कई मंदिरों में शाम तक पूजा करने के लिए श्रद्धालु आते रहे।

इधर, मंदिर बंद होने के बावजूद बीते रविवार की रात से ही कांवरिये के कई जत्थे सहरसा जिले के बख्तियारपुर स्थित बाबा मटेश्वर धाम के लिए खगड़िया के रास्ते निकले। हालांकि जत्थे में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ही कम थी। उत्तरवाहिनी गंगा मुंगेर घाट में स्नान कर जल भरकर अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल पड़े।

खगड़िया- सहरसा रेलखंड पर कई रेल दुर्घटनाओं के बावजूद भी लोगों ने सीख नहीं ली है। श्रावण की प्रथम सोमवारी को मां कात्यायनी मंदिर जाने के लिए भी भीड़ देखी गई। हालांकि प्रशासन द्वारा मंदिर को पूर्ण रूप से बंद रखा गया था। बावजूद इसके बैरागन के दिन होने की वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने मुख्य द्वार पर ही दूध से अभिषेक कर मां कात्यायनी से मन्नत मांगा और घर वापस लौट गए।

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