खेती के साथ अनूठी बागवानी ने पूरण को दिलाई पहचान

फोटो - 16 केएटी - 26 - उन्नत खेती के साथ कर रहे बागवानी, मिल रहा दोहरा मुनाफा - किस

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:59 PM (IST)
खेती के साथ अनूठी बागवानी ने पूरण को दिलाई पहचान
खेती के साथ अनूठी बागवानी ने पूरण को दिलाई पहचान

फोटो - 16 केएटी - 26

- उन्नत खेती के साथ कर रहे बागवानी, मिल रहा दोहरा मुनाफा

- किसानी की अलग इबारत लिखना चाहते हैं पूरण

तौफीक आलम, संसू, फलका (कटिहार) : उन्नत किसानी के साथ बागवानी कर प्रखंड के सोहथा उत्तरी पंचायत के गोपालपट्टी गांव निवासी रामनारायण मंडल उर्फ पूरण मंडल ने अपनी अलग पहचान बनाई है। शिक्षा के बाद उन्होंने खेती को अपने रोजगार का जरिया चुना और पिछले दो दशक से किसानी कर रहे हैं। पूरण के परिवार पारंपरिक किसान हैं, लेकिन उन्होंने परंपरा के बदले उन्नत पद्धति से किसानी की शुरूआत की। इसके साथ ही उन्हें बागवानी का शौक हुआ और किसानी के साथ उन्होंने बागवानी शुरू कर दी।

पूरण ने महज मैट्रिक तक शिक्षा ग्रहण की है। उनके पिता ¨बदेश्वरी मंडल साधारण किसान थे। इसके कारण किसानी में बेहतर मुनाफा नहीं मिल पा रहा था। लेकिन किसानी की शुरूआत के बाद उन्होंने इसे बेहतर करने का फैसला किया और उन्होंने आधुनिक पद्धति से खेती शुरू की। फिलहाल वे 10 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं।

खेती के साथ कर रहे बागवानी :

पूरण मुख्य रूप से मक्का, धान सहित मौसमी फसल और सब्जियों की खेती करते हैं। इसके लिए वे वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग करते हैं। उन्होंने किसानी के लिए रसायनिक खाद के बदले जैविक खाद का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर किसानों को चौका दिया। इसके साथ ही उन्होंने केला की खेती कर बेहतर मुनाफा कमाया। किसानी के साथ उन्होंने आम, महोगनी, सागवान, एमसोल जैसे पौधे लगाकर किसानी के साथ बागवानी कर रहे हैं। इससे किसानी पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता, जबकि उनका मुनाफा पहले से कई गुणा बढ़ चुका है।

किसानी में अलग पहचान बनाने की है तमन्ना :

40 वर्षीय किसान पूरण ने बताया कि उनका सपना किसानी के क्षेत्र में कुछ अलग करने और राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने की है। उन्होंने कहा कि वे किसानी में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही क्षेत्र के किसानों को भी वे उन्नत खेती के गुर सिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अधिक उत्पादन प्राप्त करने को लेकर रासायनिक खाद का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं। इससे धरती की उर्वरा का ह्रास हो रहा है। जबकि जैविक खाद के जरिये भी बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

क्या कहते हैं अधिकारी :

प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने पूरण के पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरण की पहचान क्षेत्र के बेहतर किसानों में है। उन्हें प्रोत्साहित करने को लेकर वे हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही किसानी के साथ बागवानी के फायदे को अन्य किसानों को भी बताया जाएगा। विभागीय स्तर से उन्हें हर संभव सहायता दिलाई जाएगी।

chat bot
आपका साथी