सीबीआइ जांच को लेकर अटकलबाजी का दौर जारी

जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के लालापुर में ग्राम स्वराज सेवा संस्थान द्वारा संचालित महिला अल्पावास गृह के खिलाफ मामला दर्ज कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो करीब तीन सप्ताह पहले से ही जांच में जुटी हुई है। अनुसंधान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Feb 2019 10:24 PM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 10:24 PM (IST)
सीबीआइ जांच को लेकर अटकलबाजी का दौर जारी
सीबीआइ जांच को लेकर अटकलबाजी का दौर जारी

जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के लालापुर में ग्राम स्वराज सेवा संस्थान द्वारा संचालित महिला अल्पावास गृह के खिलाफ मामला दर्ज कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो करीब तीन सप्ताह पहले से ही जांच में जुटी हुई है। अनुसंधान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जा रहा है। हालांकि जिले में लोगों को इसकी भनक लगने के बाद जांच के तरीके व इसके संभावित परिणामों को लेकर अटकलबाजी का दौर जारी है। जांच की प्रक्रिया के बारे में न सीबीआइ द्वारा कुछ खुलासा किया जा रहा है, न ही स्थानीय पुलिस स्पष्ट रूप से कुछ बता पा रही है। ऐसी स्थिति में इस संबंध में स्थानीय लोग अपने अपने तरीके से कयास लगाने में जुटे हुए हैं। बता दें कि ग्राम स्वराज सेवा संस्थान द्वारा संचालित महिला अल्पावास गृह बिहार के उन आश्रय गृहों में एक है जिन पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मामले दर्ज किए गए हैं। टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद पहले इनके खिलाफ संबंधित पुलिस स्टेशनों में मामला दर्ज कराए गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई मामले दर्ज कर अनुसंधान में जुटी हुई है। टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट में इन आश्रय गृहों के कुप्रबंधन, वहां रहने वाली महिलाओं व बच्चे, बच्चियों के उत्पीड़न और नारकीय स्थिति के मामले उजागर हुए थे। मई 2018 में सौंपी गई ऑडिट रिपोर्ट में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह सहित जिन 17 आश्रय गृहों की स्थिति को काफी ¨चताजनक बताया था उनमें लालापुर के महिला अल्पावास गृह की चर्चा भी प्रमुखता से की गई थी। ऑडिट रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में आया तथा आश्रय गृहों के खिलाफ पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज कराए गए। पुलिस के अनुसंधान के क्रम में जब मुजफ्फरपुर बालिका गृह में उत्पीड़न के खौफनाक तथ्य सामने आए तो उच्चतम न्यायालय ने उसकी जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे। बाद में उच्चतम न्यायालय ने लालापुर के महिला अल्पावास गृह समेत शेष 16 मामलों को भी सीबीआई को सौंप दिया। उसके बाद इस वर्ष जनवरी माह में लालापुर के महिला अल्पावास गृह के खिलाफ मामला दर्ज कर सीबीआई जांच में जुटी हुई है। संचालक समेत चारों आरोपितों को मिल चुकी है जमानत :

ग्राम स्वराज सेवा संस्थान द्वारा संचालित महिला अल्पावास गृह के संचालक सह सचिव शिव गो¨वद साह समेत मामले में सभी चारों आरोपितों को जमानत मिली हुई है। जिन अन्य आरोपितों को जमानत मिली हुई है उनमें आश्रय गृह के कर्मी ¨पटू पाल, सुदर्शन राम व तारा देवी शामिल हैं। शुरुआत में भभुआ महिला थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में निचले स्तर के इन्हीं तीनों कर्मियों को अभियुक्त बनाया गया था। जो कोर्ट से जमानत हासिल कर गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे। बाद में पुलिस के अनुसंधान के क्रम में संस्था के संचालक सह सचिव शिव गो¨वद साह को भी दोषी पाया गया तथा उन्हें गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें भी कोर्ट से जमानत मिल गई।

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