अब अमेरिका में गूंजेगी कैमूर के सरस्वती की किलकारी

कैमूर। अपनों ने छोड़ा हाथ तो गैरों ने दिया साथ। यह बात कैमूर जिले के दत्तक ग्रहण संस्थान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Oct 2017 03:03 AM (IST) Updated:Sat, 07 Oct 2017 03:03 AM (IST)
अब अमेरिका में गूंजेगी कैमूर के सरस्वती की किलकारी
अब अमेरिका में गूंजेगी कैमूर के सरस्वती की किलकारी

कैमूर। अपनों ने छोड़ा हाथ तो गैरों ने दिया साथ। यह बात कैमूर जिले के दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे लावारिस बच्चों पर सटीक बैठती है। जिले के विभिन्न जगहों पर फेंके गए बच्चों के पालन-पोषण का काम दत्तक ग्रहण संस्थान में किया जा रहा है। यहां पल रहे तीन बच्चों को वर्तमान में माता-पिता की छांव मिली है। इसमें एक लड़की सरस्वती को अमेरिका जाने की बात बताई जा रही है।

कहां के दंपती बच्चों को ले रहे गोद-

विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे बच्चों में से तीन बच्चों को गोद लेने के लिए केरल व पश्चिम बंगाल प्रांत के लोगों ने हाथ बढ़ाया है। सरस्वती कुमारी को गोद लेने के लिए केरल के गोपीनाथ मुरली ने आवेदन दिया है। यह बच्ची अमेरिका जाएगी। वहीं प्रिया कुमारी को केरल के नजुम नजीमा ने गोद लिया है। बलवंत बहादुर कुमार को कोलकाता के राजदीप व अर्पिता बोस ने गोद लेने के लिए हाथ बढ़ाया है।

किस प्रक्रिया से दंपती को सौंपे जाएंगे बच्चे -

इन तीनों दंपतियों को बच्चों को दत्तक के रूप में देने के लिए प्री एडोप्शन की प्रक्रिया शुरू है। पूर्ण रूप से बच्चों को एडोप्ट करने की प्रक्रिया न्यायालय के आदेश के बाद ही पूरी होगी। तब बच्चों को पूरी तरह से दत्तक ग्रहण संस्थान के माध्यम से गोद लेने वाले माता-पिता को सौंपा जाएगा।

12 बच्चों का दत्तक ग्रहण संस्थान में हो रहा पालन-पोषण -

जिले के विभिन्न स्थानों पर फेंके गए बच्चों में से 12 बच्चों का पालन-पोषण जिला मुख्यालय स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में हो रहा है। जिनमें से आठ लड़कियां व चार लड़के हैं। इसमें से तीन बच्चों को गोद लेने वाले दंपती सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में लगे हुए हैं।

केय¨रग वेबसाइट के माध्यम से मिली जानकारी -

केरल प्रांत के दो व पश्चिम बंगाल प्रांत के एक नि:संतान दंपती ने बच्चों को गोद लेने के लिए केय¨रग बेवसाइट के माध्यम से संस्थान को आवेदन दिया था। जिसके तहत विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान ने उन्हें बच्चों को गोद देने के लिए प्री एडोप्शन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैमूर जिले में प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की देखरेख में ज्ञान भारती संस्थान पटना द्वारा विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का संचालन किया जा रहा है। इस संस्थान में छह आयु वर्ग तक के बच्चों का पालन पोषण करने की पूरी व्यवस्था है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी -

इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान के समन्वयक शंभू शंकर पांडेय ने बताया कि इस संस्थान की मानीट¨रग जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा किया जा रहा है। बच्चों के पालन-पोषण व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए महिला व पुरुष कर्मियों के अलावा चिकित्सक की भी प्रतिनियुक्ति है। चिकित्सक द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार जांच भी की जाती है। उन्होंने बताया कि लावारिस मिलने वाले बच्चों की जानकारी राष्ट्रीय स्तर की केय¨रग बेवसाइट पर उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चे को दत्तक के रूप में देने के लिए प्री एडोप्शन के बाद अंतिम रूप से पारिवारिक न्यायालय द्वारा एडोप्ट प्रक्रिया को पूरा कर ही बच्चों को सौंपा जाता है।

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