हावड़ा - काठगोदाम - हावड़ा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने पर नाराजगी

क्षेत्रीय सांसद चिराग पासवान से क्षेत्रवासियों की ओर से गक्षेत्र की जनता में नाराजगी आंदोलन के मूड में क्षेत्र की जनता में नाराजगी आंदोलन के मूड में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 06:10 PM (IST)
हावड़ा - काठगोदाम - हावड़ा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने पर नाराजगी
हावड़ा - काठगोदाम - हावड़ा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने पर नाराजगी

क्षेत्रीय सांसद चिराग पासवान से क्षेत्रवासियों की ओर से गुहार लगा ट्रेन ठहराव के लिए अनुरोध किया। जानकारी हो कि सिमुलतला में पूर्व से 13019-20 हावड़ा - काठगोदाम - हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव था। लॉक डाउन में ट्रेन का आवागमन बंद था। त्योहार के मौसम के कारण कुछ ट्रेनें स्पेशल बनकर चलेगी ऐसा निर्णय रेलवे का है। इसी कड़ी में हावड़ा - काठगोदाम - हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन 03019-20 स्पेशल ट्रेन बनकर 20 अक्टूबर से चलेगी। इस संदर्भ का एक पत्र भी रेलवे के द्वारा जारी किया गया है। उक्त ट्रेन का ठहराव पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल के सभी स्टेशन पर है, जहां यह ट्रेन पूर्व में रुकती थी सिवाय सिमुलतला।

सिमुलतला में हावड़ा - काठगोदाम एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होगा इसकी जानकारी क्षेत्रवासियों को जैसे लगी वे ट्रेन ठहराव के लिए आंदोलन के मूड में आ गए है। पूर्व पार्षद सह झाझा व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रीकांत यादव, खुरंडा पंचायत के पूर्व मुखिया बलदेव यादव, कनौदी मुखिया प्रतिनिधि अताउल अंसारी, समाजसेवी प्रकाश पंडित, झाझा सरपंच संघ के अध्यक्ष मनोरंजन प्रसाद, शंभू सिंह, संतोष सिंह, अरविद सिंह, बबलू मोदी, मनोज कुमार आदि एक स्वर में कहा कि पहले तो लॉक डाउन ने आम लोगों के साथ गरीब, असहाय के कमर को तोड़कर रख दिया। लॉक डाउन के बाद अब जब कुछ रेलगाड़ियां खुल रही है तो उस ट्रेन का ठहराव स्टॉपेज वाले स्टेशनों में नहीं देना गलत निर्णय है। लोगों का कहना है कि सिमुलतला एक पर्यटक स्थल है, ठंड के दिनों में बड़ी संख्या में सैलानी पश्चिम बंगाल से सिमुलतला इस ट्रेन से आते हैं। बड़ी संख्या में मजदूरों का आना - जाना भी हावड़ा से लगा रहता है। महाप्रबंधक कोलकाता, मंडल प्रबंधक आसनसोल से सिमुलतला क्षेत्र की जनता अनुरोध पूर्वक मांग किया है की हावड़ा - काठगोदाम एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का ठहराव सिमुलतला में दिया जाय। क्षेत्र की आवाम की इस आवाज को गंभीरता पूर्वक लें नहीं लेने पर जनता अपने हक के लिए आंदोलन करने में पीछे नहीं रहेगा।

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